MP News: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटालों का शिकार हुए छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल मध्य प्रदेश (MP News) हाईकोर्ट (HC) की एक डिवीजन बेंच ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले वाले मामले में दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश दिया है।
हाईकोर्ट की ओर से न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति ए.के. पालीवाल की बेंच स्पष्ट किया गया है कि सीबीआई जांच में अनुपयुक्त पाए गए 65 नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा सभी छात्रों को सरकारी कॉलेजों में स्थानांतरित करने का काम किया जाए। बता दें कि MP में नर्सिंग कॉलेज स्कैम का शिकार हुए छात्र लंबे समय से अपनी लड़ाई लड़ रहे थे।
छात्रों को बड़ी राहत
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से आज नर्सिंग कॉलेज स्कैम का शिकार हुए छात्रों को बड़ी राहत दी गई है। दरअसल MP हाईरकोर्ट में न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति ए.के. पालीवाल की डिवीजन बेंच ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले से जुड़े मामलों में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अहम निर्देश जारी किया है। हाीकोर्ट की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सीबीआई जांच में अनुपयुक्त पाए गए सभी 65 नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए और उनके स्थानांनतरण का प्रबंध किया जाए।
MP हाईकोर्ट के इस फैसले से छात्रों को बहुत राहत मिली है और उनकी लड़ाई अंतत: सफल हुई है। दावा किया जा रहा है कि अब उनका सत्र भी नहीं खराब होगा और वे अन्य सरकारी कॉलेज में स्थानांतरित हो सकेंगे।
क्या है नर्सिंग कॉलेज स्कैम?
मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज स्कैम की खूब चर्चा हो रही है। दरअसल राज्य के विभिन्न हिस्सों में संचालित होने वाले नर्सिंग स्कैम कॉलेजों पर तय मानक के खिलाफ जाकर शिक्षण संस्थान को संचालित करने का आरोप लगा। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई के हाथों सौंपी गई जिसमें महज 169 नर्सिंग कॉलेज तय मानकों के साथ पात्र पाए गए थे। वहीं 74 नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में कमियां दर्ज की गईं तो 65 नर्सिंग कॉलेजों का संचालन अमानक रूप से किया जा रहा था। इस जांच के बाद HC ने 65 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी।