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MP News: इन मांगों को लेकर पटवारी संघ ने किया हड़ताल का एलान, तहसीलों में जमा कराए सरकारी बस्ते

मध्य प्रदेश में अपने वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर पटवारी संघ ने हड़ताल करने का एलान किया है। इस सामूहिक हड़ताल से सूबे में राजस्व संबंधित कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

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MP News: मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। सरकार अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रही है जिससे की उसके इमेज पर किसी भी तरह का गलत प्रभाव पड़े। इस बीच सूबे से बड़ी खबर सामने आई हैं जहां 19000 पटवारीयों ने हड़ताल का एलान किया है और अपने काम से वापस लौट गए हैं। इनके हड़ताल की वजह वेतनमान और ग्रेड-पे समेत प्रमोशन है। बता दें कि पटवारी संघ ने इसके पहले तीन दिनों के अवकाश का एलान किया था जिसके तहत 23 से 25 अगस्त तक पटवारी सामूहिक अवकाश पर रहे थे। अब खबर है कि मध्यप्रदेश (MP) में पटवारी संघ अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चला गया है।

इन मांगों को लेकर जारी है धरना

बता दें कि पटवारियों को 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान के अनुसार ही अब तक वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इस वेतनमान को अब 25 वर्ष बीत गए हैं जिस पर पटवारी संघ अब संसोधन करने की मांग पर अड़ी है। उनकी मांग है कि इस वेतनमान की प्रक्रिया को अब बदलकर वेतन की रकम बढ़ाई जाए। पे-ग्रेड को तहत मिलने वाले 2100 रुपये की राशि को बढ़ाकर 2800 रुपये की जाए। इसके अतिरिक्त पटवारियों का कहना है कि उन्हें पदोन्नति दी जाए साथ ही उनके यात्रा भत्ते से लेकर अन्य भत्तों में भी इजाफा किया जाए।

हड़ताल के कारण प्रभावित हो सकते हैं काम

बता दें कि मध्यप्रदेश में पटवारियों द्वारा किए गए इस हड़ताल के कारण सूबे में सरकारी काम प्रभावित हो सकते हैं। इस हड़ताल के तहत पटवारी संघ ने निर्णय लिया कि उनके लोग आज तहसील में अपने सरकारी बस्तों को जमा कर रहे हैं। इससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और उसके राजस्व से जुड़े ढ़ेर सारे काम रुक जाएंगे। इसमें जाति प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, निर्वाचन के कार्य, पंचनामा से लेकर नामांतरण तक के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

वैकल्पिक व्यवस्था से असर कम करने की कोशिश

सूबे के विभिन्न हिस्सों में चल रही इस हड़ताल को लेकर कई जगहों पर शासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई है। इसके तहत राजस्व निरीक्षक यानी आरआई अधिकारियों को पटवारी के काम की जिम्मेदारी दी गई है। इससे काम पर असर थोड़ा कम देखने को मिल सकता है। हालाकि फिर भी कहा जा रहा है कि इतने ज्यादा मात्रा में कर्मचारियों के हड़ताल के कारण सूबे में प्रभाव देखने को मिलेगा।

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