MP Politics: मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। सभी पार्टियों के नेताओं ने अपना प्रचार – प्रसार भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी चुनावी रंग में रंगते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस बार मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव को जितने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसके लिए 17 अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीसीसी बैठक बुलाई है। इस बैठक को लेकर ये कहा जा रहा है कि पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव का मंथन करेगी साथ ही उम्मीदवारों के नामों का चयन भी करेगी।
जून में आ सकता है उम्मीदवारों का पहला लिस्ट
कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जून के महीने में आ सकती है।जून के महीने में लिस्ट के आने से उम्मीदवारों को अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करना का काफी समय मिल जाएगा। इसके साथ – साथ कांग्रेस के संगठन की नजर उन सीटों पर भी है जहां कांग्रेस पिछली बार हुई विधानसभा चुनाव में हार गई थी। इन सीटों पर जीत के लिए कांग्रेस के नेता अभी से प्रचार – प्रसार करने में जुट गए हैं।
15 महीने में गिर गई थी सरकार
कांग्रेस को जहां पिछली बार विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की वजह से सरकार 15 महीने में गिर गई। ऐसे में ये माना जा रहा है कि 5 महीने पहले उम्मीदवारों को घोषित करने से उन्हें वापसी का अच्छा मौका मिल सकता है। इसी को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ 17 अप्रैल को पार्टी के नेताओं के साथ बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की नजर उन सीटों पर हैं जहां पिछली बार करारी शिकस्त मिली थी।
पार्टी की तरफ से हारी हुई 40 विधानसभा सीटों का चुनाव भी कर लिया गया है। कांग्रेस आलाकमान के द्वारा जैसे ही सहमति बनती है इन हारी हुई सीटों पर प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी। इसके साथ – साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्य प्रदेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण और बड़े मुद्दे पर भी चर्चा करते हुए नजर आएंगे। वहीं कांग्रेस संगठन के द्वारा अपने चुनावी वादों को मध्य प्रदेश के लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है।
ये भी पढ़ें: Amit Shah on Mamata Banerjee: ‘बंगाल को दीदी-भतीजे के संत्रास से मुक्ति दिलाने का एकमात्र रास्ता भाजपा’
चुनावी वादा और घोषणा पत्र जल्द हो सकता है जारी
कांग्रेस पार्टी अक्सर अपने किए हुए वादों को जनता के बीच तक पहुंचाने में असफल हो जाती है। इसलिए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी के नेता यह गलती नहीं दोहराना चाहते हैं। इसलिए चुनावी वादा और घोषणा पत्र भी कांग्रेस जल्द ही जारी कर सकती है। कांग्रेस के नेताओं का यह मानना है कि अगर समय से अपने वादों को वह जनता के बीच में पहुंचा देते हैं तो उन्हें चुनाव में कामयाबी भी मिल सकती है। हारी हुई सीटों पर कांग्रेस अपने कई बड़े नेताओं को भी दौरा करने के लिए भेज सकती है।
ये भी पढ़ें: Delhi Free Electricity: ऊर्जा मंत्री आतिशी का बड़ा ऐलान, आज से बंद हो जाएगी सब्सिडी वाली बिजली