Monday, November 18, 2024
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आखिर क्यों युवतियां व औरतें अपनाती हैं ‘धड़ीचा प्रथा’? MP के इस जिले से जुड़ा अनोखा रिवाज सुन हैरान हो जाएंगे आप

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Shivpuri Dhadicha Practice: देश के लगभग सभी राज्यों में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारें तरह-तरह के कदम उठाती नजर आती हैं। केन्द्र से लेकर विभिन्न राज्य सरकारों की कोशिश होती है कि महिलाओं को समान भागीदारी उपलब्ध कराई जाए और उन्हें सशक्त बनाया जाए ताकि समाज में वो अपना स्थान मजबूती से पुख्ता कर सकें। हालाकि इन सबके बीच ये सुनना कितना अजीब लगता है कि आधुनिकता के इस दौर में भी युवतियों व औरतों की खरीद-बिक्री होती है।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में धड़ीचा प्रथा (Shivpuri Dhadicha Practice) के नाम से एक ऐसी कुरीती चलने की खबर है जिसके तहत महिलाओं व युवतियों की बोली लगती है और दूर-दराज से आए लोग उन्हें खरीद कर ले जाते हैं। शिवपुरी जिले में चलने वाली इस प्रथा के तहत बकायदा एग्रीमेंट कर महिलाओं व युवतियों का सौदा किया जाता है और खरीदार उन्हें खरीद कर ले जाते हैं। ऐसे में आइए हम आपको इस प्रथा के बारे में विस्तार से बताते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि आखिर युवतियां व औरतें क्यों इस प्रथा को अपनाती हैं। (MP News)

क्या है Shivpuri Dhadicha Practice?

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में प्रचलित धड़ीचा प्रथा (Shivpuri Dhadicha Practice) के तहत खरीदार था में दूसरो की बहू-बेटियों को किराए पर ले सकता हैं। जानकारी के मुताबिक वर्ष में एक बार शिवपुरी जिले में एक मंडी लगाई जाती है और इसमें महिलाओं व युवतियों को किराए पर दिया जाता है। ध्यान देने योग्य बात ये है कि मंडी में कुंवारी लड़कियों से लेकर दूसरो की बीबीयां तक किराए पर मिल जाती हैं और उन्हें किराए पर लेने की प्रक्रिया एग्रीमेंट के माध्यम से तय होती है।

खास बात ये है कि खरीदार को यदि मंडी में आई कोई महिला या लड़की पसंद आ गई तो वो 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट बनवाकर उसे तय समय के लिए किराए पर ले सकता है। बता दें कि किराए पर आई महिला या युवती के पास एग्रीमेंट तोड़ने का पूरा अधिकार है और यदि वो रिश्ते में खुश नहीं है तो करार बीच में टूट सकता है। हालाकि ऐसा कृत्य करने पर उसे तय धनराशि खरीदार को लौटानी पड़ेगी।

धड़ीचा प्रथा अपनाने का कारण?

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में प्रचलित धड़ीचा प्रथा को अपनाने के पीछे कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इंटरनेट पर दर्ज जानकारी के मुताबिक युवतियां व महिलाएं आर्थिक तंगी के कारण इस प्रथा को अपनाती हैं ताकि उनका जीवन-यापन हो सके। इसके अलावा कई सारी महिलाओं या युवतियों द्वारा इस प्रथा को आय के श्रोत के रूप में देखा जाता है और कमाई के लिए अपनाया जाता है। ध्यान देने योग्य बात ये है कि धड़ीचा प्रथा अपनाने के पीछे कोई पुख्ता कारण सामने नहीं आ सका है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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