Makar Sankranti 2024: आज पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। माना जाता है कि आज से सारे मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत हो जाती है। मकर संक्रांति से वह सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते है। जो खरमास की वजह से रूके थे। मकर संक्रांति के पर्व को देश के कई हिस्सों में अलग अलग नामों से मनाया जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष स्थान होता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते है।
मकर संक्रांति क्यो मनाया जाता है
मकर संक्रांति से सूर्य देव दक्षियाण से उत्तरायण हो जाते है। इसके बाद से सभी मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत होती है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। वहीं मकर संक्रांति से सूर्यदेव उत्तरायण होते है। जिसे देवताओं का दिन भी कहा जाता है। यह त्यौहार देश भर में अलग अलग नामों से मनाया जाता है। यूपी, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आदि कई राज्यों में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इसके अलावा तमिलनाडु में इसे पोंगल कहा जाता है। यह दिन आधिकारिक तौर पर सर्दियों के मौसम के अंत के रूप में भी मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर खिचड़ी और दान का है विशेष महत्व
मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाना, खाना और दान करना बेहद खास माना जाता है। दरअसल चावल को चंद्रमा, काली उड़द को शनि, और हरि सब्जियां को बुध का प्रतिक माना जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने से आपके सभी ग्रह मजबूत होते है। माना जाता है कि इस दिन दान करने पर दान वापस 100 गुना होकर मिलता है। वहीं इस दिन गंगा स्नान का भी खास महत्व है। ज्योतिष जानकारों का मानना है कि इस दिन तिल, चावल, गुड़, तिल आदि दान करने से किस्मत बदल जाती है।
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