Manipur Violence: उत्तर पूर्वी राज्यों की सियासत में अपनी अलग पैठ जमा चुके असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अभी झारखंड में व्यस्त हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) का कमान बीजेपी (BJP) ने उन्हीं की देख-रेख में संभाला है। झारखंड में चुनावी दौर के बीच मणिपुर में हिंसा की खबरें भी आई हैं। मणिपुर में उपजी ताजा हिंसा (Manipur Violence) के बाद राज्य की एन बिरेन सिंह (N. Biren Singh) सरकार के खिलाफ जनप्रतिनिधियों का रोष नजर आ रहा है।
इस दांवे को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के समर्थन वापस लेने के बाद BJP विधायकों के सुर भी बदलते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा आहुति की गई बैठक में कई बीजेपी विधायकों के नहीं पहुंचने की खबर है। इसके बाद मणिपुर में सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी की एन बिरेन सिंह सरकार और बहुमत से जुड़े सवाल उठने लगे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या झारखंड चुनाव के बाद असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के लिए अगला टास्क तैयार है?
Manipur Violence के बीच कैसे टलेगा BJP का संकट?
मणिपुर हिंसा के बीच बीजेपी सरकार के समक्ष एक बड़ी संकट आने की खबर है। हालांकि, इस दांवे में कितनी सत्यता है हम इसकी पुष्टि नही कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक मणिपुर हिंसा के बीच बीजेपी की एन बिरेन सिंह (N.Biren Singh) सरकार ने विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में बीजेपी के 37 में से 19 विधायकों की अनुपस्थिति की खबर सामने आई। दावा किया गया कि मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) के कारण पसरे रोष को व्यक्त करने के लिए विधायकों ने ऐसा कदम उठाया है।
हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन यदि ऐसा हुआ और बीजेपी में बगावत की स्थिति बनी तो सरकार बचाना एक बड़ी चुनौती होगी। ये कैसे होगा इसका जवाब अभी राजनीतिक गर्भ में पल रहा है। बीजेपी की बात करें तो पार्टी के तमाम ऐसे नेता हैं जो किसी भी परिस्थिति से पार्टी को पार कर सकते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यदि भविष्य में ऐसी स्थिति बनी तो बीजेपी इससे कैसे निपटती है।
क्या Jharkhand Election के बाद Himanta Biswa Sarma के लिए अगला टास्क तैयार?
झारखंड विधानसभा चुनाव में असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने अपना अहम योगदान निभाया है। उन्होंने पिछले कई सप्ताह से लगातार झारखंड के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया है। इस दौरान उन्हें कभी बांग्लादेशी रोहिंग्याओं का मुद्दा उठाते देखा गया तो कभी हेमंत सोरेन पर सीधे निशाना साधते। टिप्पणीकारों की मानें तो हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने आक्रामक रवैये से झारखंड चुनाव (Jharkhand Election) में एक अलग माहौल बनाया है। हालांकि, आज मतदान समाप्त होने के बाद उनके अगले टास्क की चर्चा की जा रही है। पूछा जा रहा है कि क्या हिमंता के लिए अगला टास्क तैयार है?
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि हिमंता उत्तर पूर्वी राज्यों में बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। वे भाजपा के लिए संकटमोचन की भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में यदि मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) के बीच बीजेपी सरकार पर अल्पमत या विधायकों की बगावत को लेकर किसी तरह की आंच आई तो उनका योगदान अहम होगा। दावा किया जा रहा है कि हिमंता बिस्वा सरमा तब फिर से अपनी भूमिका निभाकर अपनी पार्टी को संकट से बचाने का काम कर सकते हैं।