Health Card: अगर हमें किसी से शादी करनी है तो हम उसकी कुंडली को देखते हैं। पारंपरिक तौर पर शादी के समय लड़का और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है कुंडली में गुणों के मिलने के बाद ही शादी की बात आ गई बढ़ाई जाती है। लेकिन अब एक नई तकनीक आ रही है जिससे शादी के समय कुंडली नहीं बल्कि हेल्थ कार्ड मिलाया जाएगा। जी हां ! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही हेल्थ कार्ड बना रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने वरिष्ठ न्यूज़ एजेंसी से बातचीत के दौरान बताया कि, हमारे देश में कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिससे यदि पुरुष और महिला संक्रमित है तो उसका असर बच्चे पर भी होगा।
सिकल सेल एनीमिया बिमारी पर काबू पाने में मिलेगी मदद
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया आगे कहते हैं कि, ऐसी ही बीमारी सिकल सेल एनीमिया की है इसे ध्यान में रखते हुए ट्राइबल लोगों के लिए खास तौर पर हेल्थ कार्ड जारी किया जा रहा है। जिसका मकसद सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर काबू पाना है इसके लिए साल 2047 का डेडलाइन तय किया गया है। बता दें कि, इस अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ से की जाएगी इसके लिए राज्य सरकार को धन मुहैया कराया जाएगा। डॉक्टर मनसुख बताते हैं कि, शुरुआत में उन राज्यों को चुना गया है जहां सबसे अधिक ट्राइब रहते हैं। उनका कहना है कि, इस अभियान के लिए 40% धन राज्य सरकार और 60% धन केंद्र सरकार देगी।
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रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर बच्चा नहीं करने की सलाह दी जाएगी
ट्राइबल बच्चों में ज्यादातर सिकल सेल एनीमिया की बीमारी पाई जाती है। इस बीमारी का असर ऐसा है कि, बच्चा एक उम्र की सीमा पार करके उसके जीवन की संभावना कम हो जाती है। इसलिए इस हेल्थ कार्ड को जारी करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे लड़का और लड़की का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा जिससे कि इस तरह की बीमारी का पता लगाया जा सके। केंद्र स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि, अधिकतर ट्राइबल इलाके में लोगों में यह बीमारी होती है ऐसे में ट्राइबल लोग में पहले यह टेस्ट शुरू किया जाएगा यदि दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें बच्चा नहीं करने की सलाह दी जाएगी।
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