Meghalaya Assembly Election Result 2023: पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के 60 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को मतदान हुआ था। मतदान के बाद आज सभी सीटों पर मतगणना जारी है। शुरुआती रूझानों में एक अलग स्थिति दिख रही है। मेघालय विधानसभा चुनाव में टीएमसी (TMC) पहली बार भाग्य आजमा रही है। अब तक आए रुझानों में बीजेपी 11 सीटों पर आगे दिखाई दे रही है। यहां कांग्रेस को करीब 15 विधानसभा सीटों पर नुकसान होता नजर आ रहा है।
रूझानों में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है। एनपीपी 18 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में मेघालय में अगर किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो तृणमूल कांग्रेस (TMC) किंगमेकर साबित हो सकती है।
मेघालय में टीएमसी हो सकती है किंगमेकर
अब तक सामने आए रूझानों में मेघालय में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। मेघालय के 59 विधानसभा सीटों के रूझान सामने आ गए हैं। इन रूझानों में टीएमसी किंगमेकर बनती नजर आ रही है। रूझानों को देखें तो कॉनरॉड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी 23, तृणमूल कांग्रेस 11, भारतीय जनता पार्टी 10, कांग्रेस 6 और अन्य 4 विधानसभा सीटों पर आगे है। बहरहाल, अब तक के रूझानों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस किंगमेकर साबित हो सकती है।
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त्रिशंकु विधानसभा की संभावना
मेघालय में अब तक जो रूझान सामने आया है उसमें एग्जिट पोल वाले परिणाों की झलक भी दिखाई दे रही है। यहां त्रिशंकु विधानसभा की संभावना दिखाई दे रही है। वहीं, यह पहली बार है जब भारतीय जनता पार्टी मेघालय में अकेले चुनाव लड़ रही है। इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा संगमा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ थी, लेकिन चुनाव से पहले उसने गठबंधन तोड़ लिया था। 2018 विधानसभा चुनाव में भी मेघालय में त्रिशंकु बनी थी और इस बार भी यही संभावना दिखाई दे रही है।
TMC से कांग्रेस को नुकसान
अब तक जो रूझान सामने आया है उसमें दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह दिलचस्प पहलू तृणमूल कांग्रेस के कारण दिखाई दे रही है। टीएमसी ने मेघालय विधानसभा में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, जिसमें वह कामयाब होती दिख रही है। अब तक के रूझानों को देखें तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सीधे कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रही है। अभी कांग्रेस केवल 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जो 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में 16 सीटें कम है। तृणमूल कांग्रेस 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जो कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है।