Thursday, December 19, 2024
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Missing women in India: देश में महिलाओं के गायब होने का डरावना आंकड़ा जानें, सिर्फ 3 सालों में लाखों महिलाएं हुई लापता

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Missing women in india: देश में एक तरफ हिंसा हो रही है। महिलाओं से अभद्र व्यवहार किए जा रहे हैं। सरेआम मारपीट और गोलीबारी की खबरें सामने आ रही हैं। जी हाँ हम मणिपुर राज्य की बात कर रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में पिछले सप्ताह संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक एक आंकड़ा पेश किया, जो कि देख जाए तो चौकने वाला था।

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2019 से लेकर 2021 के बीच भारत में लाखों की संख्या में महिलाएं (women missing) लापता हुई हैं। ऐसे में अब यह जानना अहम हो जाता है कि आखिर केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों द्वारा चलाई जाने वाली महिलाओं के हित ( women safety) वाली एक से एक सहायता प्रणाली के बावजूद भी कैसे महिलाएं गायब हो रही हैं। यह एक बड़ा सवाल है?

सिर्फ 3 सालों में 13 लाख महिलाएं हुई गायब 

जी हाँ यह कहानी नहीं, बल्कि संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह पेश की गई एक रिपोर्ट है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2019 से लेकर 2021 के बीच 13.13 लाख  (13 lakh girls and women missing) महिलाएं  भारत से लापता हुई है। बता दें कि इनमें 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं (women missing) की संख्या 10,61,648 है, जबकि 18 वर्ष से कम लड़की (नाबालिग) (girls missin) की गायब होने की संख्या 2,51,430 है। 

संसद में सरकार ने कहीं बड़ी बात 

देखा जाए तो महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा ( women safety ) के लिए सरकारें एक से बढ़कर एक कदम उठाती रही हैं। ऐसे में संसद की कार्यवाही में गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने देश में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण और सुरक्षा ( women safety)के लिए कई पहल की हैं। इनमें सबसे पहला है यौन अपराधों से संबंधित कानून को नए तरीके से लागू करना। 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने पर मृत्यु दंड की सजा शामिल है। इसके अलावा हमने पॉक्सो एक्ट को भी लागू किया। 

सरकार ने शुरू की आपातकालीन सहायता प्रणाली
संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने आपातकालीन सहायता प्रणाली भी शुरू की। जिसके तहत अब दुष्कर्म करने वाले दोषी को केवल 2 महीने में जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने के साथ अगले दो महीने में फ़ास्ट प्रक्रिया के जरिए सुनवाई करने का प्रावधान भी किया है। ऐसे में देखा जाए तो यह दोषी पर कार्रवाई करने का सबसे तेज तरीका है।

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Saurabh Mall
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सौरभ कुमार मल्ल बीते 2 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में P.G. की पढ़ाई की है। उन्होंने अपनी शुरुआत दैनिक भास्कर (इंटर्नशिप) से किया है। यह कई और चैनलों में बतौर कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल सौरभ DNP India Hindi वेबसाइट में बतौर कंटेंट राइटर (पॉलिटिकल, क्राइम और इंटरनेशनल) डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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