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मिशन गगनयान का पहला परीक्षण सफल, अंतरिक्ष में इन मुसीबतों के साथ जीते हैं एस्ट्रोनॉट

Gaganyaan Mission: गगनयान के पहले परीक्षण उड़ान को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। ऐसे में एक प्रश्न मन में आ ही जाता है कि अंतरिक्ष पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट के जीवनमें कितनी चुनौतियां होंगी।

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Gaganyaan Mission
Gaganyaan Mission

Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज मिशन गगनयान के तहत पहले परीक्षण उड़ान में सफलता पा ली है। इससे इसरो के साथ वैज्ञानिकों की अन्य टीमों के हौसले भी बुलंद हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में अन्य परीक्षण उड़ानों को सफलता पूर्वक लॉन्च कर जल्द इसरो मनुष्यों को अंतरिक्ष पर भेजने की तैयारी में है। ऐसे में हमारे मन में एक प्रश्न आता है कि आखिर अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट कैसे काम करते हैं। क्या उनका काम सरल होता है या फिर उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आज हम इन्हीं प्रश्नों के जवाब खोजने की कोशिश करेंगे।

एस्ट्रोनॉट के सामने आने वाली चुनौतियां

अंतरिक्ष पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट का जीवन चुनौतियों से भरा होता है। उन्हें खाने-पीने से लेकर अन्य कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। अंतरिक्ष यात्री अपने साथ सॉफ्ट फूड या बेबी फूड लेकर जाते हैं और इसे खास तरह से फ्रीज करके बनाया जाता है। वहीं उन्हें इस बात का ख्याल भी रखना होता है कि वो कम नमी वाले खाना खाएं। वहीं वैज्ञानिक तर्कों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति बिना स्पेससूट की सुरक्षा के अंतरिक्ष में कदम रखे तो अंतरिक्ष यात्री की तुरंत मौत हो जाएगी। इस का प्रमुख कराण रक्त के साथ और शरीर के अन्य तरल पदार्थों में उबाल का होना है। वहीं बिना स्पेससूट की सुरक्षा के अंतरिक्ष में रहने पर सांस लेना असंभव हो जाएगा जिससे एस्ट्रोनॉट की मौत हो सकती है।

नष्ट होती हैं रक्त कोशिकाएं

अंतरिक्ष में जाकर काम करना बेहद चुनौती भरा है। एक शोध में पाया गया है कि अंतरिक्ष यात्रा को दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के लाल रक्त कोशिकाओं में भारी कमी पाई जाती है। बता दें कि ये कोशिकाएं ही फेफड़ों से ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुंचाने का काम करती हैं। ऐसे में इनके नष्ट होने से यात्रियों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं जब ये यात्री पृथ्वी पर वापसी करते हैं तो उन्हें कमजोरी व अन्य कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालाकि इन कोशिकाओं के नष्ट होने का कारण क्या है इसको लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं हासिल की जा सकी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस संबंध में जानकारी मिले तो इसके समाधान का प्रयास किया जाए।

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