Modi Cabinet Decisions: किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दे दी है। ये फैसला बुधवार को हुई मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस योजना को किसानों के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
कैबिनेट बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर आज निर्णय लिया गया है। अभी तक कुल 1450 लाख टन भंडारण की क्षमता है और अब 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू होगी। इस योजना पर करीब एक लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
अगले पांच साल का बताया प्लान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच सालों में सहकारिता क्षेत्र में भंडारण क्षमता को तेजी से बढ़ाया जाएगा। इसके बाद भंडारण क्षमता 2,150 लाख टन हो जाएगी। अनुराग ठाकुर ने इसे विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बताया। साथ ही कहा कि इस योजना के अंतर्गत 2000 टन का अन्न भंडारण का गोदाम हर ब्लॉक में बनाया जाएगा।
अन्न की बर्बादी रोकेगी ये योजना
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस कदम से अन्न की बर्बादी रुकेगी, क्योंकि मौजूदा समय में देश में बड़ी मात्रा में अनाज भंडारण क्षमता की कमी के कारण बर्बाद हो जाता है। इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी और ग्रामीण क्षेत्र में अनाज भंडारण की क्षमता विकसित होने के कारण ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे। इसके योजना के लागू होने के भारत की खाद्यान सुरक्षा भी मजबूत होगी और जगह-जगह स्टोरेज उपलब्ध होने से किसानों की ढुलाई में आने वाली लागत में भी कमी आएगी।
भारत में कितना होता है अनाज का उत्पादन
बता दें कि भारत में हर साल करीब 3,100 लाख टन खाद्यानों का उत्पादन होता है और मौजूदा अन्न भंडारों में केवल 47 प्रतिशत ही उत्पादन का भंडारण हो सकता है। अब इस योजना के तहत हर ब्लॉक में अन्न का भंडारण होगा।
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