Mohammed Faizal: लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता को बहाल कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता की बहाली की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाया है। दरअसल, मोहम्मद फैजल को एक मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी।
#WATCH | This delay in revoking my membership is not appreciated. The Secretariat took the decision of disqualifying me, the very next day my conviction was declared, at least that swiftness should have been shown for revoking my membership: Lakshadweep MP Mohammad Faizal pic.twitter.com/E8kvau6ucH
— ANI (@ANI) March 29, 2023
कोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा
जानकारी के अनुसार लक्षद्वीप की कावरत्ती कोर्ट ने नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेता को 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी। न्यायालय के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है। लेकिन बार एंड बेंच ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से पहले ही उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी गई थी।
इस कानून के कारण सदस्यता हुई थी रद्द
गौर हो कि सांसद मोहम्मद फैजल पर हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में न्यायालय ने 11 जनवरी को सुनवाई करते हुए सांसद को 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 13 जनवरी को लोकसभा सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया और फैजल की संसद सदस्यता को अयोग्य ठहरा दिया।
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क्या है जनप्रतिनिधि कानून
दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के तहत मोहम्मद फैजल को संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया था। कानून के मुताबिक अगर किसी भी प्रतिनिधि को 2 साल या उससे अधिक समय के लिए सजा दी जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है। साथ ही सजा खत्म होने के 6 साल बाद तक वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
सजा के बाद हाईकोर्ट पहुंचे थे फैजल
वहीं, सजा मिलने के बाद मोहम्मद फैजल ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करने के बाद 25 जनवरी को उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद फैजल ने लोकसभा सचिवालय से संसद सदस्यता बहाल करने की मांग की थी, लेकिन सचिवालय की ओर सदस्यता बहाल नहीं की गई। इसके बाद एनसीपी नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहीं, 30 जनवरी को शरद पवार ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की थी और मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल करने की मांग की थी।