Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर 2022 के दिन पुल ढह गया था। इस हादसे में 135 लोगों को मौत हो गई थी और बहुत से लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच विशेष जांच दल यानी SIT इसकी जांच कर रही ही। इस मामले में सरकार द्वारा नियुक्त की गई SIT की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में पुल के ढहने के प्राथमिक कारणों का पता चला है। एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ओरेवा कंपनी और मोरबी नगर पालिका के बीच समझौते के लिए जनरल बोर्ड की पूर्वानुमति जरूरी थी जो कि नहीं लिए गए। इस समझौते पर ओरेवा कंपनी, मुख्य अधिकारी नगरपालिका, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के ही हस्ताक्षर थे।
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नहीं उठाया गया सहमति का मुद्दा
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जनरल बोर्ड की पूर्व सहमति जरूरी थी जो नहीं मांगी गई। इस समझौते के बाद हुई जनरल बोर्ड बैठक में भी सहमति का मुद्दा नहीं उठाया गया।
किए अहम खुलासे
इस रिपोर्ट में एसआईटी ने और भी कई खुलासे किए हैं। एसआईटी का कहना है कि मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने समझौते के मुद्दे को ठीक से नहीं लिया और बिना किसी सक्षम तकनीकी विशेषज्ञ और बिना किसी परामर्श के मरम्मत का काम कराया गया। इतना ही नहीं एसआईटी का कहना है कि मरम्मत का काम शुरू करने से पहले मेन केबल और वर्टिकल सस्पेंडर की जांच भी नहीं की गई। यहां पर 49 मेन केबल थीं जिनमें से 22 केबल पहले ही काटी जा चुकी थीं। इस चीज से साफ पता चलता है कि यह पुल गिरने से पहले ही टूट चुका था। हादसे के समय इसके बचे हुए 27 केबल भी टूट गए जिसके कारण ये बड़ा हादसा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑरेवा कंपनी ने एक अक्षम एजेंसी को आउटसोर्स किया था।
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