MP Election 2023: आखिरकार जिसका डर था वही हो रहा है। मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होते ही कांग्रेस में बगावत के सूर उठने लगे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने पर राज्य भर में कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है और कुछ ने पार्टी को सबक सिखाने की कसम खाई है।
कांग्रेस के कई नेताओं ने दिया इस्तिफा
वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शारदा खटीक ने पार्टी से सागर जिले के नरयोली (एससी आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा पर प्रतिक्रिया देते हुए शारदा खटीक ने कहा, “मैंने नारयोली विधानसभा से टिकट मांगा था। मैं जिला पंचायत सदस्य हूं और पार्टी की सोच थी कि जो भी नागरिक निकाय चुनाव में जिले में जीतेगा उसे विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलेगा। लेकिन पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है जो तीन बार हार चुकी हैं। मैंने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया है और जनता मुझे चाहती है, लेकिन फिर भी पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया। इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं।”
BSP में शामिल हुए ये कांग्रेसी नेता
दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने सतना जिले (विंध्य क्षेत्र) के नागौद विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया और रविवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP ) में शामिल हो गए। भोपाल में BSP प्रदेश कार्यालय में बसपा प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत की मौजूदगी में सिंह ने अपने समर्थकों के साथ BSP की सदस्यता ली।
टिकट चयन पर उठने लगे सवाल?
वहीं, पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने ANI ने बता करते हुए कह, “जब शहडोल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कार्यक्रम हुआ था तो कार्यक्रम में कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल ने कहा था कि अगर टिकट चयन अच्छा होगा तो विंध्य क्षेत्र की 30 में से 24 सीटें कांग्रेस की होंगी। लेकिन जिस तरह से मेरे साथ हुआ, मैं कांग्रेस पार्टी का दाहिना हाथ था, मैं अभी कुछ नहीं कह रहा हूं कि मैं कितनों को नुकसान पहुंचाऊंगा लेकिन मैं कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ को जिले में सबक जरूर सिखाऊंगा।’
‘पार्टी ने मेरे साथ अन्याय किया है’
उन्होंने आगे कहा, ” कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मुझसे कहा था कि मुझे चुनाव की तैयारी करनी चाहिए और इसीलिए मैं दिल्ली और भोपाल आया था। लेकिन, फिर मुझे पता चला की मुझे टिकट नहीं दिया गया। ये मेरे साथ अन्याय है। आज मैंने सभी को फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। पार्टी के फैसले से मुझे ठेस पहुंची है, इसलिए मैं BSP में शामिल हुआ हूं।”
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