Saturday, November 23, 2024
Homeदेश & राज्यदिल्लीMuharram 2023 पुरानी दिल्ली में निकाले गए मुहर्रम ताजिया और जुलूस, बड़ी...

Muharram 2023 पुरानी दिल्ली में निकाले गए मुहर्रम ताजिया और जुलूस, बड़ी संख्या में उमड़ा जनसैलाब

Date:

Related stories

Muharram 2024: आज मनाया जाएगा मुहर्रम, जानें ताजिया निकालने और इस्लाम के इस त्योहार का क्या है महत्व?

Muharram 2024: देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आज मुहर्रम का त्योहार मनाया जाएगा। बता दें कि मुहर्रम का त्योहार इस्लाम के प्रथम माह में 10वें आशूरा को पड़ता है जो कि इस बार 17 जुलाई यानी कि आज पड़ा है।

Muharram 2024: मुहर्रम पर Lucknow के साथ केन्द्रीय राजधानी Delhi में भी ट्रैफिक डायवर्जन का प्लान, यहां चेक करें नया रूट

Muharram 2024: देश के विभिन्न हिस्सों में 17 जुलाई को इस्लामी त्योहार मुहर्रम मनाया जाएगा। इस दौरान इस्लाम में आस्था रखने वाले लोग मातमी जुलूस निकालेंगे और इस मुहर्रम मनाएंगे।

Muharram 2023: आज का दिन दुनियाभर में मौजूद सिया मुसलमानों के लिए बेहद गम और मातम से भरा दिन है। मोहर्रम के महीने में ही पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार के साथ कर्बला की जंग में शहीद हुए थे। दिसके कारण आज के दिन दुनिया भर में मातम मनाया जाता है।

पुरानी दिल्ली में निकाला गया मुहर्रम ताजिया जुलूस

इसी कड़ी में पुरानी दिल्ली में मुहर्रम के मौके पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ताजिया जुलूस निकाला गया। यहां पर बड़ी संख्या में सिया लोग मौजूद थे।

देश के प्रधानमंत्री मोदी ने किया ट्विट

पीएम मोदी ने कर्बला की शहादत पर ट्विट करते हुए लिखा कि, “हम हज़रत इमाम हुसैन (एएस) के बलिदान को याद करते हैं। न्याय और मानवीय गरिमा के आदर्शों के प्रति उनका साहस और प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है।”

यौम-ए-आशूरा क्या है?

आज मुहुर्म की दसवीं तारीख यौम-ए-आशूरा है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग इमाम हुसैन और  हजरत इमाम हसन के साथ उनके परिवार में शहीद हुए लोगों को याद करते हैं। इस दिन सिया धर्म के लोग कर्बला के उस भयानक मंजर को दोहराते हैं और खुद को जख्मी भी करते हैं।

ताजिया क्यों निकाला जाता है

कर्बला के शहीदों को याद करते हुए ताजिया निकाला जाता है और इमामबाड़े में जाकर उन्हें दफन किया जाता है। आपको बता दें, ताजिये का जुलूस इमामबारगाह से निकालता है और कर्बला में जाकर खत्म होता है। ताजिया हजरत इमाम हुसैन की कब्र के रुप में निकालता है।

कर्बला का इतिहास

आपको बता दें, 680 ईस्वी में मोहर्रम की 10वीं तारीख यानि की आज के ही दिन कर्बला के मैदान में यजीद और पैगंबर अली के परिवार के बीच में जंग हुई थी, जिसमें अंत तक लड़ते-लड़ते मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद हुए थे। इस शहादत को याद करते हुए सिया लोग जूलुस निकालते हैं और उस दिन को याद करते आंसू बहाते हैं।

क्या है आशूरा

सिया लोग इस दिन काले कपड़े पहने हैं और खंजर से खुद को जख्मी करते हुए कर्बला की जंग पर मातम मनाते हैं। इस दिन मातम के साथ-साथ जगह-जगह लंगर और शरबत बांटा जाता है। मनाने का उद्देश्य इमाम हुसैन के इंसानियत से भरे संदेश और उनके समर्पण को दुनिया तक पहुंचाना है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Aarohi
Aarohihttps://www.dnpindiahindi.in/
आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

Latest stories