Uniform Civil Code: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर तीखी प्रतिक्रिया दी। बोर्ड ने UCC को ‘अनावश्यक, अव्यहारिक और खतरनाक ‘ करार दिया है। दरअसल, विधि आयोग ने UCC पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सुझाव मांगे थे। जिसके जवाब में बोर्ड ने बातें कही है। बोर्ड ने कहा है कि भारत में इस तरह का कानून बनाना देश के संसाधनों को बर्बाद करना है। इससे न केवल अराजकता का माहौल बनेगा, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच विवाद भी पैदा होगा।
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पहचान के साथ नहीं होनी चाहिए छेड़छाड़
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यू आर. इलियास ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि भारत विभिन्नताओं का देश है। हमारी संस्कृति ही हमारी पहचना है। यहां विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भारत की पहचान के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। ये भारत के लिए सही नहीं होगा। इससे माहौल बिगाड़ने के पूरे आसार हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई भी कानून अस्तित्व में आता है तो ये लोगों को अधिकारों के साथ छेड़छाड़ होगी।
‘सरकार का दखलंदाजी करना सही नहीं’
डॉ. एसक्यू आर. इलियास ने UCC के विरोध में तर्क देते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में बने कानून मुसलमानों की पवित्र किताब कुरान से लिए गए हैं। इसमें लिखी बातों को काटने और बदलने का अधिकार खुद मुसलमानों के पास नहीं है, तो सरकार कैसे इसमें दखल दे सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून की भारत में बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। ऐसे में हम सरकार से अपील करते हैं कि UCC के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज किया जाए।
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