Myanmar Refugees in India: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में जुंटा आर्मी और मिलिशिया पीडीएफ के बीच तनाव का क्रम लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दिन भी स्थिति भयावह रही और दोनों गुटों के बीच गोलीबारी देखने को मिली। दावा किया जा रहा है कि म्यांमार में इन दोनों गुट की लड़ाई के बाद सिविल वॉर के हालात बन गए हैं। ताजा जानकारी के अनुसार म्यांमार के आम लोगों में इस युद्ध को लेकर अफरा-तफरी मची है और वो अपनी जान बचाने के लिए भारतीय सीमा में घुस रहे हैं। खबरों की मानें तो पिछले 24 घंटों में ही लगभग 2000 से ज्यादा लोग म्यांमार से मिजोरम राज्य होते हुए भारतीय सीमा में घुसे हैं।
भारतीय सीमा में शरण ले रहे लोग
म्यांमार में सिविल वॉर की स्थिति उतपन्न हो गई है। भारत के इस पड़ोसी देश में जुंटा आर्मी और मिलिशिया पीडीएफ के बीच तनाव का दौर लगातार बढ़ता नजर आ रहा है। दरअसल म्यांमार की मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने खावमावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकानों पर अपना कब्जा जमा लिया था। म्यांमार के ये दोनों सैन्य ठिकानें भारतीय सीमा के पास पड़ते हैं। म्यांमार की सेना ने मामले को लेकर हवाई हमले किए जिसके कारण म्यांमार के लगभग 2000 से ज्यादा लोग मिजोरम के चम्फाई जिले में शरण लेने पहुंच गए।
पीपुल्स डिफेंस फोर्स का परिचय
म्यांमार में पीपुल्स डिफेंस फोर्स का बोल-बाला देखने को मिल रहा है। दरअसल म्यांमार में 2021 के तख्तापलट के बाद से स्थिति बहुत तेजी से बदली है। 1 फरवरी 2021 को सेना द्वारा सत्ता की कमान अपने हाथों में ले ली गई और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आंग सान सू की सरकार को सत्ता से हटा दिया गया। पीपुल्स डिफेंस फोर्स उन संगठनों में से है जो तख्तापलट कर सत्ता में काबिज हुई सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठाता है। संगठन की मांग है कि लोकतांत्रिक रुप से चुनी गई सरकार की वापसी हो और स्थिति को पुनः नियंत्रण में लाया जाए। इसके अलावा ये भी दावा किया जा रहा है कि संगठन और सेना के बीच संघर्ष का ये क्रम अभी जारी रहेगा और लोगों के सामने कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं।
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