Narendra Modi: तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र के बीच में स्थित विवेकानन्द स्मारक शिला आज खूब सुर्खियों में है। दरअसल पीएम नरेन्द्र मोदी लोक सभा चुनाव 2024 में अंतिम चरण के प्रचार थमने के बाद विवेकानन्द स्मारक पहुंचे हैं जहां वो तीन दिवसीय ध्यान साधना में लीन है। दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी विकसित भारत व लोक सभा चुनाव में 400 पार के लक्ष्य को लेकर अपनी साधना कर रहे हैं।
विवेकानन्द स्मारक शिला को लेकर मान्यता है कि प्रेरणादायक जीवन वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने भी देश भर का भ्रमण करने के बाद एक समय पर यहां साधना किया था और विकसित भारत का स्वप्न देखा था। ऐसे में गुरु विवेकानंद के बाद पीएम मोदी की इस साधना को उनके लक्ष्य से जोड़ कर देखा जा रहा है और चर्चा है कि क्या पीएम अपने लक्ष्य को साधने में सफल हो सकेंगे।
PM Modi की ध्यान साधना
लोक सभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के दौरान 1 जून को मतदान होना है। ऐसे में चुनावी प्रचार-प्रसार थम गया है और आचार संहिता के नियमों का पालन किया जा रहा है। पीएम मोदी भी चुनावी प्रचार-प्रसार थमने के बाद देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित तमिलनाडु के दौरे पर हैं जहां उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा करने के बाद विवेकानंद रॉक मेमोरियल स्मारक में जाकर ध्यान साधना शुरू की है।
पीएम नरेन्द्र मोदी की ये ध्यान साधना 45 घंटों तक चलेगी जिस दौरान वे अन्न को छोड़, फल व अन्य तरल पदार्थों का सेवन करेंगे। दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी भी, आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की तर्ज पर विकसित भारत व अपने लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसी क्रम में उनकी साधना जारी है। ऐसे में पीएम अपने लक्ष्य को साधने में कितना सफल होते हैं ये आगामी 4 जून को चुनावी नतीजों की घोषणा के साथ ही पता चल जाएगा।
स्वामी विवेकानंद की ध्यान साधना
तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र में स्थित विवेकानन्द स्मारक शिला को लेकर कई प्रमुख दावे हैं। मान्यता है कि स्वामी विवेकानंद ने भी देश भ्रमण के बाद इस स्थान पर बैठकर तीन दिनों तक ध्यान कर विकसित भारत का स्वप्न देखा था।
स्वामी विवेकानंद के सम्मान में ही कन्याकुमारी में समुद्र के मध्य में भूमि-तट से लगभग ५०० मीटर उपर स्थित दो चट्टानों में से एक पर इस स्मारक का निर्माण कराया गया है। वर्तमान समय की बात करें तो विवेकानंद स्मारक शिला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है और देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक इस स्थान पर आते हैं।