Saturday, November 23, 2024
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Chandrayaan-3 की कामयाबी का NASA ने भी माना लोहा, ISRO प्रमुख के अनुसार-अमेरिकी वैज्ञानिकों ने रख दी थी ये मांग

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Ayodhya Ram Mandir: ISRO ने जारी की तस्वीर, देखें अंतरिक्ष से कैसी नजर आती है राम नगरी

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में सरयू तट पर स्थित राम मंदिर को लेकर इन दिनों खूब चर्चाएं हो रही हैं। दरअसल 22 जनवरी यानी कल राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) का आयोजन होना है। इस खास अवसर पर राम नगरी को खूब सजाया जा रहा है।

Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग ने भारत के लिए इतिहास रच दिया है। भारत की इस सफलता को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने भी स्वीकार किया है। सॉफ्ट लैंडिंग की टेक्नोलॉजी से NASA इतना प्रभावित हुआ है की उसने भारत से इसकी मांग की है। ISRO प्रमुख एस सोमनाथ के मुताबिक, नासा के वैज्ञानिकों ने भारत से ये तकनीक मांगी है।

ISRO ने NASA को समझाई थी टेक्नोलॉजी

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 बनाते समय हमने नासा-जेपीएल (जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी) के विशेषज्ञों से सलाह ली थी। इन वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में कई रॉकेट लॉन्च और चुनौतीपूर्ण मिशनों को अंजाम दिया है। NASA-JPL के पांच से छह लोगों ने हाल ही में ISRO मुख्यालय का दौरा किया था।

हमने उन्हें 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की योजनाबद्ध सॉफ्ट लैंडिंग के बारे में बताया। उन्होंने हमसे हमारे डिजाइन के बारे में सुना। साथ ही उन्हें इंजीनियरिंग प्रक्रिया के बारे में भी बताया। इन सब बातों को सुनकर वे इतना ही बोले, नो कमेंट्स। सब कुछ अच्छा ही होने वाला है।

‘आप समझें, तेजी से बदला रहा है समय’

सोमनाथ ने ये टिप्पणी 15 अक्टूबर को रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन के एक कार्यक्रम के दौरान की। उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत राष्ट्र है। हम उच्चतम स्तर के ज्ञान और बुद्धिमत्ता वाले देशों में शुमार हैं। ISRO प्रमुख ने कहा, “आपको (छात्रों को) यह समझने की जरूरत है कि समय कितनी तेजी से बदल रहा है। हम वर्तमान में सर्वोत्तम उपकरण, गैजेट और रॉकेट का उत्पादन कर रहे हैं। क्योंकि हमें इनकी जरूरत है।

‘आपमें से कोई भी चांद पर जा सकता है’

उन्होंने आगे कहा, “मैं आपके यही कहूंगा की अंतरिक्ष उद्योग में जाएं, रॉकेट और उपग्रह बनाएं और देश को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मजबूत बनने में मदद करें। अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में सिर्फ ISRO ही नहीं बल्कि हर कोई योगदान दे सकता है। आज भारत में 5 कंपनियां रॉकेट और सैटेलाइट बना रही हैं। सोमनाथ ने आगे कहा कि आपमें से कोई भी चंद्रयान-10 के अंदर बैठ सकता है। हम एक महिला एस्ट्रोनॉट को भी चांद पर भेज सकते हैं।

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