Zomato: ‘जातिवादी विज्ञापन’ को लेकर फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने जोमैटो संस्थापक दीपिंदर गोयल को नोटिस जारी किया है। NCSC ने जोमैटो के इस विज्ञापन को अपमानजनक बताया है। जोमैटो पर आरोप है कि उसने विज्ञापन के जरिए एक विशेष समुदाय (दलित समुदाय) को बदनाम किया है। Zomato को ये नोटिस 12 जून को जारी किया गया है। अगर कंपनी इसका जवाब देने में विफल रहती है, तो उसे एक समन जारी किया जाएगा।
विवाद बढ़ता देख कंपनी ने हटाई एड
Zomato ने ये विज्ञपान विश्व पर्यावरण दिवस (8 जून) पर जारी किया था, लेकिन विवाद बढ़ता देख कंपनी को एड हटाना पड़ गया था। इस संबंध में कंपनी ने सफाई देते हुए ट्वीट भी किया था। कंपनी ने लिखा, “विश्व पर्यावरण दिवस पर, हमारा इरादा हास्यपूर्ण तरीके से प्लास्टिक कचरे की क्षमता और रीसाइक्लिंग के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना था। इस विज्ञापन से कुछ समुदायों और व्यक्तियों की भावनाओं को ठेस पहुंची, लेकिन हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था। हमसे ये अनजाने में हुआ। हमने वीडियो को हटा लिया है।”
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Zomato के एड पर क्यों हुआ विवाद ?
बता दें कि फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ने विश्व पर्यावरण दिवस पर एक एड जारी किया था। ये विज्ञापन आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘लगान’ के कैरेक्टर ‘कचरा’ पर आधारित था। जिस पर विवाद गरमाया हुआ है। एड में भी ‘कचरा’ नाम के एक कैरेक्टर को दिखाया गया था। जिसकी काफी आलोचना हुई। लोगों ने Zomato पर दलित समुदाय को बदनाम करने के आरोप लगाए। जिसके बाद Zomato को ये एड हटानी पड़ी।
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