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National Education Day 2024: NEP से लेकर IIM, IIT और AIIMS ओपनिंग तक, जानें मोदी सरकार ने एजुकेशन सेक्टर के लिए क्या कुछ किया

National Education Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत शिक्षा नीति में बदलाव देखने को मिले और इसके अलावा उनके कार्यकाल में एम्स, आईआईएम, और आईआईटी की संख्या भी दोगुनी हुई है। नेशनल एजुकेशन डे पर देखते हैं ये आंकड़े जो सब कुछ बयां करने के लिए है काफी।

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सांकेतिक तस्वीर

National Education Day 2024: 11 नवंबर को देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन शिक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है और शिक्षा का जीवन में महत्व के बारे में लोगों को समझाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह वही शख्स है जो देश के पहले शिक्षा मंत्री भी रहे थे लेकिन इस सबसे परे अगर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की बात हो रही है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के तहत भारत की शिक्षा व्यवस्था में काफी परिवर्तन देखने को मिले हैं।

निश्चित तौर पर भारत को आज विश्व गुरु शिक्षा के मामले में कहा जा सकता है। कई रिपोर्ट्स यह बताने के लिए काफी है कि मोदी सरकार की निगरानी में भारत को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) मिली और इसके अलावा आईआईएम IIM, आईआईटी (IIT) और एम्स (AIMMS) तक में सुधार देखने को मिले

National Education Day 2024 पर जानिए भारत की शिक्षा व्यवस्था की रैंकिंग

अगर इस बारे में बात करें तो क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025’ मैं भारत ने अपनी एक जगह बनाई है जहां पहले इस रैंकिंग में 10 साल पहले तक सिर्फ नौ संस्थान होते थे आज वहां भारत के 46 शिक्षण संस्थान ने अपनी जगह बना ली है। न सिर्फ इस रैंकिंग में बल्कि टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग में भी भारत का दबदबा देखने को मिल रहा है। जहां 105 भारतीय संस्थानों को जगह मिली है। 10 साल पहले यहां सिर्फ 13 भारतीय संस्थान की जगह थी।

NEP को बदलकर मोदी सरकार में बदला गया इतिहास

आंकड़े यह बात बताने के लिए काफी है कि भारत की शिक्षा नीति में काफी बदलाव हुए हैं। मोदी सरकार के तहत भारत की प्रगति शिक्षा व्यवस्था के जरिए आप देख सकते हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को भी लागू किया गया। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986’ 10+2 के शैक्षिक मॉडल की जगह पर नई शिक्षा नीति – 2020 की तहत 5+3+3+4 रखा गया है। यह मोदी सरकार में ही संभव हो सका। निश्चित तौर पर यह शिक्षा नीति यंग जनरेशन के लिए किसी सपने से कम नहीं है जिसके तहत आज की युवा उड़ान भर सकेगी। तकनीक और नवाचार, दिव्यांग छात्रों के लिए उचित व्यवस्था के साथ-साथ क्रिएटिविटी और छात्रों में जागरूकता बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है। इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि न सिर्फ किताब बल्कि सोशल जानकारी भी माहिया हो सके।

IIT की संख्या में भी मोदी सरकार की प्रगति के मिले सबूत

अगर रिपोर्ट्स की माने तो कहा जा रहा है कि हर दिन एक आईटीआई की स्थापना देश में हो रही है। नरेंद्र मोदी काल में देश को लगभग 7 IIT मिले हैं और इसके साथ ही अब भारत में कुल 23 IIT हैं। निश्चित तौर पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह किसी तोहफे से कम नहीं है और निश्चित तौर पर आगे आने वाली पीढ़ी के लिए यह उज्जवल भविष्य की एक रोशनी है।

IIM पर भी दिया गया ध्यान

जहां तक आईआईएम की बात करें तो मैनेजमेंट की पढ़ाई भी आजकल काफी डिमांड में है और यंग जनरेशन के बीच इसका अलग क्रेज देखा जा रहा है। कहा जाता है कि 2014 में देश में 13 IIM थे लेकिन मोदी सरकार में इसमें भी बढ़ोतरी हुई और अब 21 आईआईएम देश में मौजूद जो अलग-अलग फैलोशिप मुहैया करते हैं।

AIIMS की संख्या तिगुनी

मेडिकल की पढ़ाई की बात करें तो मोदी सरकार में यहां भी प्रगति नजर आई। 10 साल पहले देश में लगभग 7 AIIMS थे जो अब 22 हो चुकी है। यह मोदी सरकार में संभव हुआ। इस बात में कोई शक नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की शिक्षा व्यवस्था को हर संभव बेहतर बनाने के लिए कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में AIIMS की संख्या दोगुनी से ज्यादा हुई है। रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि 2014 तक देश में 380 मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 680 के करीब हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 300 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बनाए गए।

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