NCP Political Crisis: महाराष्ट्र में हुए बड़े पॉलिटिकल ड्रामे के बीच NCP पर अब अजित पवार का कब्जा हो गया है। बुधवार (6 जून) को हुए शक्ति प्रदर्शन के दौरान सबसे ज्यादा विधायक, सांसद और नेता अजित पवार की बैठक में दिखाई दिए। जिससे साफ है कि NCP पर अजित ने अपना कब्जा जमा लिया है। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं की ये बस कुछ दिन की कहानी है तो ऐसा नहीं है। जी हां, इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामे की स्क्रिप्ट पहले ही लिख ली गई थी। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने से दो दिन पहले यानी 30 जुलाई को ही अजित ने पार्टी पर अपना कब्जा कर लिया था।
30 मई को हो गई थी प्लानिंग
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अजित पवार ने 30 जुलाई को ही चुनाव आयोग में NCP (Nationalist Congress Party) पर अपना दावा ठोंक दिया था। हिंदुस्तान टाइम्स ने एक शख्स के हवाले से बताया कि अजित पवार ने पहले ही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा लिया था। जहां उन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया था। इस संबंध में अजित पवार ने चुनाव आयोग को 40 शपथ पत्रों के साथ एक पत्र भी लिखा था। जिसमें विधायकों, MLC और सांसदों के नाम शामिल थे।
अजित को 30 विधायकों का समर्थन
रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग को भेजे गए शपथ पत्रों में 30 मई की तारीख दर्ज है। जबकि, चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से इसे 5 जुलाई को स्वीकार किया। बुधवार को हुए शक्ति प्रदर्शन के बाद अजित पवार के पक्ष में NCP के 32 विधायक दिखाई दिए। जबकि, शरद पवार को 15 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ। पार्टी के 6 विधायकों ने अभी भी किसी को अपना समर्थन नहीं दिया है। लेकिन, शक्ति प्रदर्शन से साफ है कि पार्टी पर असली कब्जा अब अजित पवार का होगा। बुधवार को हुई बैठक के दौरान उन्हें NCP का नया अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।
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