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NEET 2024 मुद्दे पर संसद में ठनी रार! चर्चा के बीच BJP ने नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi को दिया अहम सुझाव; जानें डिटेल

NEET 2024: संसद सत्र के दौरान आज फिर एक बार लोकसभा व राज्यसभा में नीट मुद्दे पर चर्चा को लेकर बहस छिड़ गई। सदन की कार्यवाही के दौरान ही BJP के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को अहम सुझाव दिए हैं।

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NEET 2024
फाइल फोटो- Rahul Gandhi & BJP Leader Rajnath Singh

NEET 2024: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2024 मुद्दे पर छिड़ी सियासी जंग कम होने का नाम नहीं ले रही। इसी क्रम में आज फिर एक बार विपक्ष की ओर से संसद सत्र की कार्यवाही के दौरान ही NEET 2024 मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही नीट परीक्षा में हुई अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। इसके बाद BJP की ओर से वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी को अहम सुझाव दे दिए। ऐसे में आइए हम आपको सदन में चर्चा के दौरान हुए इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं।

NEET 2024 मुद्दे पर चर्चा की मांग

संसद सत्र के दौरान आज फिर एक बार लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विपक्ष ने एक बार फिर लोकसभा और राज्यसभा में NEET मुद्दे पर चर्चा की मांग की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में स्पष्ट किया कि “संसद से देश को एक संदेश जाता है और हम छात्रों को ये संदेश देना चाहते हैं कि NEET का मुद्दा संसद के लिए अहम है। इसलिए ये संदेश देने के लिए हम चाहते हैं कि संसद इस पर चर्चा करे।”

राहुल गांधी द्वारा नीट परीक्षा मुद्दे को लेकर चर्चा की मांग के बीच ही BJP के वरिष्ठ नेता व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “संसद की कार्यवाही कुछ नियमों और परंपराओं के आधार पर चलती है। मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि कोई भी चर्चा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद ही की जानी चाहिए।”

राज्यसभा में छिड़ी चर्चा की मांग

संसद सत्र के दौरान ही लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी नीट परीक्षा मुद्दे पर चर्चा की मांग छिड़ी है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसको लेकर अपना पक्ष रखा है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि “राष्ट्रपति संसद का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हम राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं। इस साल राष्ट्रपति का पहला संबोधन जनवरी में और दूसरा जून में था। पहला संबोधन चुनाव के लिए था और दूसरा उसकी नकल थी। राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो कोई दृष्टि थी और न ही कोई दिशा सरकार के लिए प्रशंसा के शब्द।” उन्होंने इस दौरान राज्यसभा में नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।

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