Friday, November 22, 2024
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New Criminal Laws पर सियासी संग्राम! विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया के बाद सामने आया Amit Shah का करारा जवाब; जानें डिटेल

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Uttar Pradesh Bypolls: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश में भी उपचुनाव हो रहे हैं। चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा और नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को ही किया जाएगा।

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Priyanka Gandhi: वायनाड लोकसभा उपचुनाव (Wayanad By-Election) के लिए बिगुल बज चुका है। इसी क्रम में कांग्रेस (Congress) की ओर से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी बतौर उम्मीदवार अपना नामांकन कर दिया है।

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New Criminal Laws: देश में आज से भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के रूप में 3 नए आपराधिक कानून (New Criminal Laws) लागू हो गए हैं। इन तीनों कानून ने लंबे समय से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लिया है।

देश में तीन नए आपराधिक कानून के लागू होने के बाद सियासी संग्राम भी जोरो पर है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष, केन्द्र सरकार पर निशाना साध रहा है। इसी क्रम में शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेताओं ने तीनों नए कानून पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्ष के बयानबाजी के बीच ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का भी बयान सामने आया है और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तमाम मुद्दों पर विपक्ष को करारा जवाब दिया है।

विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

देश में आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून (New Criminal Laws) को लेकर विपक्ष के तमाम नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी ने इसको लेकर लंबा बयान जारी किया है।

मनीष तिवारी ने स्पष्ट किया है कि “जो आपराधिक कानून लागू हुए हैं, वे प्रकृति में खतरनाक हैं और उनके कार्यान्वयन भी कठोर होंगे। वे इस देश में एक पुलिस राज्य की नींव रखेंगे और बहुत कुछ प्रदान करेंगे।” आतंकवाद की परिभाषा लाने की क्या आवश्यकता थी जब इस पर पहले से ही एक विशेष कानून मौजूद है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद राजद्रोह को बहुत ही शिथिल रूप से परिभाषित किया गया है। इसलिए, इन कानूनों में बहुत सारी समस्याएं हैं और मैं उस दिन से यह कहता आ रहा हूं, जिस दिन से 146 सांसदों को निलंबित करके इन्हें संसद ने पारित किया था।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

शशि थरूर ने स्पष्ट किया है कि “हमारी चिंता यह थी कि नए कानून पर संसद में पूरी तरह से चर्चा नहीं हुई क्योंकि तब सभी विपक्ष के सांसद निलंबित थे। ऐसे में इस पर आगे चर्चा से फायदा होगा।”

TMC की ओर से वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने नए आपराधिक कानूनों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

सौगत रॉय ने स्पष्ट किया है कि “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कानून के कार्यान्वयन को स्थगित करने की मांग कर चुकी हैं। 146 विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में ये कानून जल्दबाजी में पारित किए गए थे। हमें लगता है कि ये कानून जनविरोधी हैं और इसीलिए हम स्थगन चाहते हैं।”

वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी की प्रतिक्रिया

नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

महेश जेठलमानी ने कहा है कि “इसे कानून को देश के सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था द्वारा पारित किया गया था और इस पर राष्ट्रपति की सहमति मिली व एक अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसलिए, कानून पारित करने की पूरी प्रक्रिया का अक्षरश: पालन किया गया है। ऐसे में इस पर दोबारा विचार क्यों किया जाना चाहिए? विपक्ष केवल हर अच्छी या बुरी चीज का विरोध करने पर तुला हुआ है जो यह सरकार लाती है।”

Amit Shah का करारा जवाब

देश में आज से लागू हुए 3 नए आपराधिक कानून को लेकर छिड़ी सियासी जंग के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमित शाह ने कहा है कि “देश की जनता को बधाई। आज आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो गई है। अब भारतीय संसद में बनाए गए कानूनों को ‘दंड’ के बजाय ‘न्याय’ के रूप में व्यवहार में लाया जा रहा है। इससे त्वरित सुनवाई होगी और त्वरित न्याय मिलेगा।”

अमित शाह ने ये भी स्पष्ट किया है कि “हमने अपने संविधान की भावना के अनुरूप धाराओं और अध्यायों की प्राथमिकता तय की है। पहली प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को दी गई है। अब 35 धाराओं और 13 प्रावधानों के साथ एक पूरा अध्याय जोड़ा गया है, सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास होगा, नाबालिग से बलात्कार पर मौत की सजा होगी।”

अमित शाह का कहना है कि “विपक्ष इस मामले पर राजनीति कर रहा है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि तीनों नए आपराधिक कानून हर मामलों में पीड़ित की रक्षा करेंगे और उन्हें न्याय दिलाएंगे।”

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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