Nitish Kumar Cabinet: बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। बिहार में अब शिक्षक बनने के लिए बिहारी होना जरूरी नहीं होगा। यानी बाहरी राज्यों के लोग भी बिहार में शिक्षक बन सकते हैं। मंगलवार (27 जून) को हुई कैबिनेट बैठक में नीतीश सरकार ने ये फैसला लिया है। बैठक में शिक्षक भर्ती के R&P रूल्स (Recruitment & Promotion Rules) में संशोधन किया गया है। जल्द इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी।
1 लाख से ज्यादा पदों पर होनी है भर्ती
नए नियमों के तहत अब भर्ती के लिए बिहार का निवासी होना आवश्यक नहीं होगा। बिहार में इन दिनों शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। लोक सेवा आयोग द्वारा ये भर्ती आयोजित की जा रही है, जो 15 जून को शुरू हुई थी। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया अभी चल रही है। जो 12 जुलाई को खत्म होगी। यानी नीतीश सरकार का ये फैसला इस भर्ती प्रक्रिया पर भी लागू होगा। इस भर्ती के तहत कुल 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
‘जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे’
नीतीश सरकार के इस फैसले का अब विरोध होना भी शुरू हो गया है। शिक्षक-अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले से नाराज नजर आ रहे हैं। छात्र संघ के नेता दिलीप कुमार का कहना है कि सरकार का ये निर्णय सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि ये हमारे अधिकारों का हनन है। सरकार ने पहले ही राज्य में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण दे रखा है। यानी जब बाहर की महिलाएं आवेदन करेंगी तो उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस हिसाब से पुरुष अभ्यर्थियों को क्या हासिल होगा। उन्होंने कहा कि एक तो पहले ही बिहार में रोजगार की कमी है। ऊपर से सरकार का ये फैसला हम पर हथौड़े की तरह है। उन्होंने कहा कि हम अभ्यर्थियों से बात कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो इस पर उग्र आंदोलन भी करेंगे।
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