Nitish Kumar: बिहार की सियासत में एका-एक बदलाव देखने को मिले हैं। दरअसल तमाम सियासी उठा-पटक के बाद JDU चीफ नीतीश कुमार ने एक बार फिर RJD का साथ छोड़कर NDA समर्थित दलों के समर्थन से सरकार बना लिया है। रविवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी संपन्न हो गया। नीतीश कुमार के नई कैबिनेट टीम की बात करें तो इसमें भाजपा (BJP) का दबदबा नजर आ रहा है।
भाजपा (BJP) ने भले ही नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी सौंप दी हो लेकिन उपमुख्यमंत्री के रुप में अपने दो कद्दावर नेताओं को शपथ दिला कर ये संदेश दे दिया है कि पार्टी अबकी बार बिहार में JDU के लिए खुला मैदान नहीं छोड़ने वाली है। इसके साथ ही भाजपा ने अपने सहयोगी दल ‘हम’ को भी सरकार का हिस्सा बनाया है। ऐसे में आइए हम नीतीश कुमार की नई कैबिनेट टीम व बिहार (Bihar) के नए सियासी समीकरण को समझाने की कोशिश करते हैं।
Nitish Kumar की नई कैबिनेट टीम
नीतीश कुमार ने रविवार को NDA के समर्थन से बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ले लिया है। इस दौरान उनके अलाला 8 और मंत्रियों ने पद व गोपनीयती की शपथ ली है। इसमें प्रमुख रुप से BJP के चेहरों को लेकर चर्चा हो रही है। भाजपा ने प्रदेश के कद्दावर नेता सम्राट चौधरी व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम के रुप में शपथ दिलाने का काम किया है।
इसके अलावा भाजपा में पिछड़ा वर्ग से आने वाले प्रेम कुमार को भी शपथ दिलाया गया है। जेडीयू की बात करें तो पार्टी की ओर से विजय चौधरी, विजेन्द्र यादव व श्रवण कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली है। वहीं भाजपा ने अपने सहयोगी दल ‘हम’ से संतोष सुमन व निर्दलिय विधायक सुमित सिंह को भी सरकार में शामिल करने का काम किया है।
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इस नए कैबिनेट को लेकर खूब चर्चा हो रही है और दावा किया जा रहा है कि इस नई सरकार में भाजपा का दबदबा नजर आ रहा है।
Bihar का सियासी समीकरण
NDA के समर्थन से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 9वीं बार बिहार (Bihar) में मुख्यमंत्री के रुप में पद व गोपनीयता की शपथ ली है। ऐसे में बिहार के सियासी समीकरण को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है और दावा किया जा रहा है कि इस नई कैबिनेट के सहारे सियासत को साधने की कोशिश की गई है। दरअसल नीतीश कुमार की सरकार में 3 सवर्ण नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है तो वहीं नीतीश कुमार व सम्राट चौधरी समेत 5 पिछड़े वर्ग के नेता भी शामिल हैं। जबकि संतोष सुमन के रुप में एक दलित चेहरे को भी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया गया है।
दावा किया जा रहा है कि NDA की ये नई सरकार जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर बिहार के सियासी समीकरण को साधने का काम कर रही है जिससे कि आगामी लोकसभा में भी गठबंधन को लाभ मिल सके।
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