Sunday, November 3, 2024
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Noida News: मुआवजा घोटाला मामले में नोएडा प्राधिकरण के अफसरों के साथ किसानों पर भी दर्ज हुई FIR, SIT की जांच शुरू

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Noida News: नोएडा में मुआवजा बांटने के मामले में हुए घोटाले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इसके तहत नोएडा प्राधिकरण ने अपने ही विभाग के 4 अफसरों व 73 किसानों पर मुआवजा बटवारे में गड़बड़ी को लेकर मामला दर्ज कराया है। ये मामला फेज वन कोतवाली में दर्ज कराया गया है। खबर है कि प्रधिकरण अब जल्द ही मुआवजा राशि वापस लेने के लिए आरसी जारी करेगा। इसके साथ ही अब सभी 11 प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआईटी) अपनी जांच करेगी और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

नोएडा प्राधिकरण के अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने बिना तथ्यों की जांच किए ही 82 करोड़ रुपये का मुआवजा बांट दिया था। मुआवजा घोटाले में प्राधिकरण के 4 अफसरों और 73 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। ये मामला नोएडा के गेझा तिलतपाबाद गांव से संबंधित है और अब मामला सामने आने पर सभी आरोपियों पर कार्रवाई होती नजर आ रही है।

किसानों पर आरोप

नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से मामला दर्ज कराने के दौरान बताया गया कि गेझा तिलपताबाद के किसानों ने मुआवजा लेने के लिए प्राधिकरण के सामने गलत तथ्य पेश किए थे। इसको लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि किसानों की ओर से पेश किए गए तथ्यों की बिना जांच किए ही धनराशि जारी कर दी गई थी। यह मुआवजा वर्ष 2015-16 में बांटा गया था। अब आरोपी किसानों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है और कहा जा रहा है कि जल्द ही मुआवजा राशि वापस लेने के लिए प्राधिकरण की ओर से आरसी जारी किया जाएगा।

इन किसानों पर दर्ज हुआ मामला

मुआवजा घोटाले को लेकर गेझा तिलपताबाद के 73 किसानों पर मामला दर्ज किया गया है। इसमें स्व दिलीप सिंह के बेटे ओमदेव सिंह, बिजेन्द्र कुमार, राजकुमार, धर्म सिंह, श्रीमती सुकंत, महेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, श्रीमती सुमन त्यागी, श्रीमती प्रेमवती देवी, अशोक कुमार, अनारो पत्नी रामानन्द, रनवीर सिंह, महेंद्र सिंह व बबली कुमार के साथ अन्य कई किसान शामिल हैं।

अधिकारियों पर भी दर्ज हुआ मामला

मुआवजा घोटाला मामले को लेकर नोएडा विकास प्राधिकरण के 4 अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है। इसमें तत्कालीन सहायक विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर, तत्कालीन विधि सलाहकार राजेश कुमार, कनिष्ठ सहायक मदनलाल मीना (मृतक) और तत्कालीन विधि अधिकारी दिनेश कुमार सिंह के नाम शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने बिना तथ्यों की जांच किए ही धनराशि का वितरण कर दिया था।

एसआईटी करेगी जांच

मुआवजा घोटाला मामले को लेकर अब एसआईटी को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात सामने आई है। खबर है कि इन सभी 11 प्रकरण में एसआईटी अपना जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी जिसके बाद से आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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