Noida News: नोएडा प्राधिकरण ने शहर के सबसे बड़े और सबसे पुराने पार्क सेक्टर 62 डी पार्क में तितली गुंबद को फिर से डिजाइन करने का फैसला किया है। बता दें कि कीट विज्ञानियों से सलाह लेने के बाद इसका पुन: डिजाइनिंग की तैयारियां तेज हो गई हैं। बता दें कि पार्क में स्थित कक्षों को प्रदर्शनी हॉल के रूप में बनाया जाएगा।
पार्क को फिर किया जाएगा डिजाइन
बता दें कि पार्क में लगे वाटर फाउंटेन को मेंटेनेंस फ्री डिजाइन पर फिर से विचार करते हुए पार्क के अंदर स्थित वाटर फाउंटेन में बोटिंग के लिए एजेंसी का चयन करने के साथ ही वाटर फाउंटेन में बड़ी और आकर्षक मछलियां छोड़ने का निर्देश भी दिया गया है।
इसके साथ ही पार्क में स्थित ओपन जिम में कैलिस्थेनिक्स को बढ़ावा देने के लिए नए नए उपकरण भी लगाए जाएंगे। बता दें कि पार्क के मैन गेट पर का जीर्णोद्धार करने और परिसर में सेल्फी प्वाइंट बनाने के भी आदेश दिए गए हैं।
साल 2013 में बनकर तैयार हुआ था पार्क
जानकारी के लिए बता दें कि एक दशक पहले 7.5 करोड़ रुपये में बना डी पार्क 18 एकड़ में फैला हुआ है। इसको को तितली कंज़र्वेटरी के रूप में काम करने के लिए 2013 में बनाया गया था। बता दें कि इस पार्क को “जापानी शैली का तितली गुंबद विभिन्न प्रकार की तितलियों को संरक्षित करने के इरादे से स्थापित किया गया था, लेकिन अब तक यह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया है। बता दें कि लोहे से बना गुंबद बुरी तरह से खराब हो गया है।
बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले ही सीईओ लोकेश एम ने बागवानी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पार्क का निरीक्षण किया था। उन्होंने निरीक्षण में पाया था कि टूटे हुए फुटपाथ की टाइलों और उगी घास और पेड़ों के कारण रखरखाव का काम काफी खराब हो गया था। जिसके बाद अधिकारी ने सख्त निर्देश जारी किए।
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