Rajasthan: बुधवार को राजस्थान के अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं बंद रहेंगी। बता दें कि, पिछले हफ्ते विधानसभा में पारित स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक यानी राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ करीबन 19000 से अधिक डॉक्टर का समूह अवकाश पर है। इतनी भारी संख्या में डॉक्टरों के अवकाश पर जाने से प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।
बिल को वापिस लेने की मांग
विधानसभा में जारी किए गए राइट टू हेल्थ बिल में राज्य केप्रत्येक निवासी को किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठान (निजी सहित) और निर्दिष्ट स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा ‘अपेक्षित शुल्क या शुल्क के पूर्व भुगतान के बिना’ आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार देता है। इस बिल को देखते हुए राजस्थान के डॉक्टर्स बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनको इस बात का डर है कि इससे उनके काम में नौकरशाही का दखल होगा।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की अपील
डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डॉक्टर से हड़ताल खत्म करने की अपील कर रहे हैं लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत की अपील का कोई असर नहीं दिख रहा है। सरकारी डॉक्टर के समूह अवकाश पर जाने की बड़ी खबर से सरकार और जनता को सकते में डाल दिया है। डॉक्टरों द्वारा जारी हड़ताल में लगभग साडे 4500 मेडिकल कॉलेज के छात्र और प्रोफेसर भी शामिल है जिसके कारण स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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