Thursday, December 19, 2024
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Qatar Death Verdict: कतर में 8 भारतीय को मिली सजा-ए- मौत ने भारत में लिया राजनैतिक रंग, कांग्रेस-ओवैसी ने मोदी सरकार पर दागे सवाल

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Qatar Death Verdict: कतर ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई है। जिस पर भारत में घमासान मच गया है। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है। विपक्ष का कहना है कि हाल ही में जब उन्होंने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की, तो सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अब सरकार इस मामले को चुनौती देने की बात कह रही है।

दरअसल, कांग्रेस, एआईएमआईएम समेत कई दलों ने इस मामले पर सरकार को घेरा है। इस मामले में पिछले साल आठ भारतीयों को जासूसी से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद अब उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।

‘अब कहां गया इस्लामिक देशों का प्रेम’

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सभी पूर्व कर्मियों को वापस लाना चाहिए। ओवैसी ने कहा, ‘अगस्त में मैंने कतर में फंसे नौसेना के पूर्व अधिकारियों का मुद्दा उठाया था। आज उन्हें मौत की सजा दी गई है। पीएम मोदी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं कि इस्लामिक देश उनसे कितना प्यार करते हैं। उन्हें पूर्व अधिकारियों को वापस लाना चाहिए। ये बेहद ही दुर्भाग्य की बात है कि उन्हें मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है।’

‘मामले पर गंभीर नहीं मोदी सरकार’

वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी कहा है कि सरकार ने पूर्व कर्मियों के परिवार के सदस्यों, पूर्व सैनिक लीग और यहां तक ​​कि सांसदों के अनुरोध को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘ये वो मुद्दा नहीं है, जहां हम ये कहें कि ‘उसने ये कहा, तो उसने ये बोला’।आठ बहुत ही ज्यादा सीनियर कर्मियों की जान दांव पर लगी हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘उनके परिजनों को कभी ये नहीं बताया गया कि उनके ऊपर क्या आरोप हैं। मुझे बताया गया है कि उनके बचाव के लिए नियुक्त वकील भी परिवारों के साथ टाल-मटोल कर रहा है।’

‘जल्द से जल्द रिहा कराने की हो कोशिश

कांग्रेस पार्टी की तरफ से एक बयान जारी कर इस मुद्दे पर अपनी राय रखी गई। कांग्रेस ने कहा, ‘कांग्रेस नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों के मामले में कतर से आई जानकारी से काफी परेशान है। पार्टी को न सिर्फ उम्मीद है, बल्कि ये मानकर चल रही है कि भारत सरकार कतर के साथ अपने राजनयिक और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करेगी, ताकि नौसेना के पूर्व कर्मियों को अपील का अधिकार मिले। साथ ही उन्हें जल्द से जल्द रिहा कराने की पूरी कोशिश की जाए।’

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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