Parliament Monsoon Session: 20 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में आपको बता दें कि, मानसून सत्र की शुरुआत से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें महंगाई समेत मणिपुर में हो रही हिंसा के बारे में चर्चा करी। इस सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान मांगा है। साथ ही उड़ीसा रेल हादसे, भारत चीन सीमा समेत महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा करने को कहा है। इसी कड़ी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से जन सरोकारों से जुड़े मुद्दे उठाने और विधेयकों पर सार्थक चर्चा की अपील की।
मणिपुर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, सरकार मानसून सत्र में मणिपुर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि, मानसून सत्र के दौरान सरकार के पास 31 ‘विधायी विषय’ हैं। इनमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 शामिल है। इसके अलावा डाक सेवाएं विधेयक 2023, डिजिटल व्यक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और आवश्यक संशोधन विधेयक 2023, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि और बैंक विधेयक 2023 भी सूची में शामिल हैं।
विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका दे
साथ ही कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने की मांग की है। प्रधानमंत्री सदन में आए और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करें। 2 महीने गुजर गए लेकिन प्रधानमंत्री चुप है। अब आग्रह है कि, उन्हें संसद में बयान देना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, ताली एक हाथ से नहीं बजती है अगर सरकार सदन में कामकाज चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को मुद्दे उठाने और अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। बता दें कि, इस बार का मानसून सत्र का आयोजन ऐसे समय पर किया जा रहा है जब 1 दिन पहले विपक्षी दलों ने बैठक की थी। इस बैठक का आयोजन कांग्रेस पार्टी ने बेंगलुरु में किया था। जिसमें टीएमसी समेत कई विपक्षी दल शामिल हुए थे।
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