Parliament Session: भारत की राजधानी दिल्ली में आज 18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है। इस दौरान पक्ष से लेकर विपक्ष तक के तमाम नेताओं के कृत्य व बयानबाजी सामने आ रहे हैं। पीएम मोदी ने भी इसी क्रम में सदन पहुंचने के साथ ही ‘आपातकाल’ का जिक्र कर पूर्व की सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
पीएम मोदी द्वारा आपातकाल को लेकर दिए बयान के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट की नेता व राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पलटवार किया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने इस दौरान प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति व NEET परीक्षा 2024 में कथित धांधली के आरोपों को लेकर वर्तमान सरकार पर निशाना साधा है।
PM Modi के बयान पर शिवसेना नेता का पलटवार
शिवसेना (UBT) गुट की नेता व राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पीएम मोदी द्वारा ‘आपातकाल‘ को लेकर दिए बयान के बाद पलटवार किया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि “पीएम मोदी ने हमें आपातकाल की याद दिला दी है, लेकिन आज के शिक्षा आपातकाल के बारे में क्या? युवा परीक्षा रद्द करने, पेपर लीक और सीबीआई के बारे में पूछ रहे हैं।” प्रधानमंत्री को देश के अहम मुद्दों पर बात करनी चाहिए।”
प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ”कुछ संसदीय प्रक्रियाएं होती हैं। सांसद के रूप में जिसका कार्यकाल सबसे लंबा हो, उसे प्रोटेम स्पीकर बनना चाहिए। पीएम सोच रहे हैं कि वो संविधान और संसदीय प्रक्रियाओं को बदल सकते हैं।”
PM Modi ने किया आपातकाल का जिक्र
पीएम मोदी ने आज 18वीं लोकसभा के सत्र की शुरुआत से पहले ‘आपातकाल’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “25 जून 2024 को आपातकाल के रूप में लोकतंत्र पर लगे धब्बे के 50 साल पूरे हो जाएंगे। भारत की नई पीढ़ी यह कभी नहीं भूलेगी कि ‘आपातकाल’ के दौरान संविधान को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।”
पीएम मोदी ने पूर्व की सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि “आपातकाल के दौर में संविधान के टुकड़े-टुकड़े किए गए और देश को जेलखाने में बदल कर लोकतंत्र को पूरी तरह कुचल दिया गया था।” पीएम मोदी ने ये भी कहा कि “संसद के सदस्य एक जीवंत लोकतंत्र के संकल्प के साथ संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेगी।”