Patanjali: पिछले कुछ दिनों से भ्रमक पतंजलि विज्ञापन केस Patanjali Misleading Add Case का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस मामले पर सुप्रीम कार्ट बाबा रामदेव और पतंजलि की लताड़ लगा रहा है। 24 अप्रैल को एक बार फिर से पतंजलि की तरफ से लंबा चौड़ा माफीनामा अखबारों में छपावाया गया है। ये माफीनामा दोबार से छपवाया गया है क्योंकि 22 अप्रैल को जो पतंजलि की तरफ से माफीनामा छपवाया गया था उसका साइज बहुत छोटा था। जिसको लेकर कोर्ट ने डांटा था।
भ्रमक पतंजलि विज्ञापन पर बाबा रामदेव का माफीनामा
जस्टिस हिमा कोहली ने पतंजलि की फटकार लगाते हुए कहा था कि, ” आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस माफीनामे का भी साइज वही था? कृपया इन विज्ञापनों की कटिंग ले लें और हमें भेज दें। जब आप कोई विज्ञापन प्रकाशित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे। सिर्फ पन्ने पर न हो, पढ़ा भी जाना चाहिए।”
इतना ही नहीं कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को दोबारा से ऑन रिकॉर्ड माफी मांगने को कहा था। जिसके बाद अब दोबारा से योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने माफीनामा छपवाया है। पतंजलि के औषधीय दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों के लिए ये विज्ञापन छपवाए गए हैं। इस बार माफी का आकार बड़ा है।
नए माफीनामे में क्या लिखा?
इस नए माफीनामे पर पतंजलि ने लिखा, “भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने या अवज्ञा” के लिए अपनी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ पतंजलि आयुर्वेद की ओर से “बिना शर्त माफी मांगते हैं”।
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