PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीन दिवसीय अमेरिका दौरे का समापन कर भारत लौट चुके हैं। पीएम मोदी का ये अमेरिका (America) दौरा कई मायनो में बेहद खास रहा। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने दुनिया के तमाम शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात और द्विपक्षीय बैठक की। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और यूक्रेन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के साथ हुई मुलाकात बेहद अहम रही। (PM Modi US Visit)
पीएम मोदी ने इस दौरान न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को भी संबोधित किया। अमेरिका के इस मंच से पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में ही चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) को कड़ा संदेश देने का काम किया है। इसके अलावा पीएम ने आतंकवाद (Terrorism) को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताते हुए अपनी चिंता व्यक्त की है। पीएम मोदी का कहना है कि इस गंभीर मसले पर वैश्विक एक्शन और वैश्विक एंबिशन एक होना चाहिए।
UN में गरजे PM Modi
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में कहा कि “प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए, संतुलन विनियमन की आवश्यकता है। हम ऐसा वैश्विक डिजिटल शासन चाहते हैं जिसमें संप्रभुता और अखंडता बरकरार रहे। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) एक होना चाहिए। वैश्विक भलाई के लिए, भारत अपनी डीपीआई साझा करने के लिए तैयार है। हमारी प्रतिबद्धता एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की है।
आतंकवाद पर PM Modi ने जताई चिंता
पीएम मोदी ने 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करते हुए कई अहम बातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “एक तरफ आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ साइबर, मेरीटाइम और स्पेस जैसे नए मैदान उभर रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर, मैं इस बात पर जोर दूंगा कि वैश्विक कार्रवाई, वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए।”
‘अपना अनुभव साझा करने को तैयार’
पीएम मोदी ने कहा कि “आज मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज लाने के लिए आया हूं। हमने भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।”
चीन-पाकिस्तान को कड़ा संदेश
पीएम मोदी ने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करते हुए इशारों-इशारों में ही सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी पेश करते हुए चीन-पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में रिफॉर्म (सुधार) करने की जरूरत है।
पीएम मोदी के इस कथन का समर्थन जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने किया और कहा कि अगले साल संयुक्त राष्ट्र के स्थापना की 80वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस दौरान सुरक्षा परिषद के सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। दावा किया जा रहा है कि आगामी वर्षों में भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता मिल सकती है जो कि चीन और पाक के करारा जवाब जैसा होगा।