PM Modi: कोरोनावायरस के बाद चीन अपनी अवैध गतिविधियों को लेकर हमेशा सुर्खियों का हिस्सा बना रहता है। दरअसल चीन चाहता है कि, पूरी दुनिया में उसका दबदबा कायम रहे। इसके लिए वह गरीब देशों कुछ सस्ते ब्याज दर पर कर्जा देता है। इसी के साथ वह उन देशों की जमीनों पर अपनी विस्तार वादी नीतियों को पूरा करने की भी कोशिश करता है। ऐसे में चीन के इस मास्टर प्लान को रोकने के लिए भारत अपनी कूटनीतिक कोशिश को तेज कर रहा है।
चीन के बढ़ते दायरे से निपटने के लिए करेंगे बातचीत
आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से 24 जून को अमेरिका का दौरा करेंगे। पीएम मोदी की इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी अमेरिका में कई कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसी के साथ ऐसा बताया जा रहा है कि, इस दौरे में पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ चीन के बढ़ते दायरे से निपटने के लिए प्रभावी तरीके से बातचीत करेंगे। दरअसल ऐसा बताया जा रहा है कि, हाल ही में संपन्न हुई जी7 बैठक में शामिल देशों के प्रमुख ने चीन के मल्टी मिलियन डॉलर के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का मुकाबला करने के लिए जोर दिया है। ऐसे में अब पीएम मोदी जो बाइडन के साथ इन ठोस मुद्दों पर बात करते हुए नजर आएंगे।
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भारत को घेरने की फिराक में चीन
चीन का हमेशा से ही ये माइंडसेट रहा है कि वह गरीब देशों को सस्ते ब्याज पर कर्जा देकर उनके निजी मामलों में हिस्सा ले। ऐसे में चीन इस फिराक में भी है कि वह भारत को किसी तरीके से घेर सके। इसलिए वह पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट को काफी महत्व दे रहा है। इसी के साथ आपको बता दें कि, चीन ने अफगानिस्तान पाकिस्तान जैसे गरीब देशों को अपनी तरफ से कर्जा देकर उनको अपने जाल में फंसा लिया है। इसी के साथ उसने श्रीलंका को भी कर्जा देकर उसके सीपोर्ट पर कब्जा कर लिया है। सीपोर्ट पर कब्जा करने से चीन भारत के कोस्टल एरिया के और भी ज्यादा करीब आ गया है।
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