PM Modi: G-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) का सफल आयोजन करके भारत ने देश दुनिया में अपनी एक अगल पहचान बना ली है। दिल्ली में हुई जी20 समिट भारत के लिए कई मायनों में खास रही है। सम्मेलन में न केवल दिल्ली डिक्लेरेशन को मंजूरी मिली, बल्कि दुनिया ने भारत की कूटनीतिक शक्ति भी देखी। सबसे बड़ी बात यह कि पड़ोसी देश चीन की विस्तार वादी नीति पर चीन ने एक बड़ा प्रहार किया। PM Modi की कूटनीति से चीन चारों खाने चित हो गया।
चीन पर भारी पड़ी PM Modi की कूटनीति
दरअसल, सम्मेलन में एक ऐसी इन्फास्टक्चर डील का ऐलान हुआ, जिसने चीन की बेचैनी बढ़ा दी है। भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (India-Middle East-Europe Corridor) के ऐलान के बाद चीन बौखलाया हुआ है। कहा जा रहा है की भारत की इस पहल ने चीन को देश दुनिया से अगल थलग कर दिया है।
ऐसा इसलिए क्योंकि इस कॉरिडोर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) को चुनौती देने वाला बताया जा रहा है, जिससे चीन और चिंतित हो गया है। ड्रैगन की बौखलाहट चीनी मीडिया में साफ तौर पर देखी जा सकती है, जो इस प्रोजेक्ट को मात्र एक जुमला बता रहे हैं।
क्या है भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर ?
भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसके तहत भारत से यूरोप तक कनेक्टिविटी पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत बंदरगाहों और रेल प्रोजेक्ट्स के जरिए कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा। अगर ये प्रोजेक्ट सीरे चढ़ता है तो इससे भारत का काफी बड़ा फायदा होगा।
IMEC से क्यों बढ़ी चीन की बेचैनी ?
यहां बड़ी बात यह है की इस प्रोजेक्ट में अमेरिका भी एक बड़ा निवेश कर रहा है। जिसका ऐलान खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी20 समिट में किया था। वहीं, दूसरी तरफ इस प्रोजेक्ट को चीन के चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर एक बड़ा प्रहार कहा जा रहा है। BRI चीन का सबसे बड़ा रेल रोड और समुद्री मार्ग तैयार करने का प्रोजेक्ट है। चीन इस प्रोजेक्ट के जरिए 150 से ज्यादा देशों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। यह वजह है की भारत की इस बड़ी सफलता से चीन बेचैन हो उठा है।
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