PM Modi: बीते दिन यानि 31 अगस्त को PM Modi ने ET World Leader Forum में हिस्सा लिया। अपने संबोधन के दौरान कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने निवेशकों से सुविधा, सुधार, स्थिर नीति वाली व्यवस्था और उच्च विकास का वादा किया। इस दौरान उन्होने अपने 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का भी ब्यौरा दिया।
PM Modi ने 10 साल की उपलब्धियों का दिया ब्यौरा
PM Modi ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि “जब (लोकसभा) चुनाव नतीजे आए तो मैंने कहा था कि तीसरे कार्यकाल में हमारी सरकार 3 गुना तेजी से काम करेगी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अब इरादे और मजबूत हैं और देश के हर नागरिक की तरह सरकार भी आशा और विश्वास से भरी है। अभी 100 दिन भी नहीं बीते हैं, हम भौतिक बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने में लगे हुए हैं। हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं पिछले 3 महीनों में हमने गरीबों, किसानों,
युवाओं और महिलाओं के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले लिए हैं, हमने गरीबों के लिए 3 करोड़ नए घर स्वीकृत किए हैं, हमने एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा की है। कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के फंड को आवंटित किया है। इसके अलावा 11 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाकर लखपति दीदी योजना को मजबूत बनाया है।
10 वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था 90 प्रतिशत बढ़ी
ईटी वर्ल्ड लीडर्स फोरम को संबोधित करते हुए PM Modi ने कहा कि “पिछले 10 वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था 35% बढ़ी है और हमारी अर्थव्यवस्था पिछले 10 वर्षों में लगभग 90% बढ़ी है। यह सतत विकास है जो हमने हासिल किया है।’ यह सतत वृद्धि भविष्य में भी जारी रहेगी। सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन हमारा मंत्र रहा है। लोग देश की उपलब्धियों को देख रहे हैं और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।”
भारत विश्व के हर क्षेत्र में अग्रणी बने
उन्होंने कहा कि “भारत विश्व के हर क्षेत्र में अग्रणी बने। हम वादा करते हैं कि हम सुविधा देंगे, आप वादा करते हैं कि आप कुछ नया करेंगे। हम वादा करते हैं कि हम सुधार करेंगे, आप वादा करते हैं कि आप प्रदर्शन करेंगे। हम वादा करते हैं कि हम उच्च विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे, आप वादा करते हैं कि आप उच्च गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आज का भारत धन सृजनकर्ताओं का सम्मान करता है। एक सशक्त भारत संपूर्ण मानवता का महान विकास कर सकता है। समृद्ध भारत पूरे विश्व की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। हमें नवप्रवर्तन, समावेशन और अंतर्राष्ट्रीय निगम के मंत्र को याद रखना होगा”।