PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर से 23 सितंबर 2024 तक यूएस के दौरे (PM Modi US Visit) पर जा रहे है, जिसके देखते हुए उनका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। बता दें कि इसकी जानकारी भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी है। गौरतलब है कि पीएम मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन लेंगे। इसके अलावा वह भारतीय प्रवासियों को संबोधित भी करेंगे
21 से 23 सितंबर तक पीएम मोदी का यूएस दौरा
पीएम मोदी की आगामी यूएसए यात्रा पर, भारत के विदेश सचिव, विक्रम मिस्री ने जानकारी देते हुए कहा कि “पीएम मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिका का दौरा करेंगे।(PM Modi US Visit) विभिन्न विदेशी भागीदारों के साथ बातचीत होगी। बड़े पैमाने पर बातचीत होगी। अमेरिका में भारतीय प्रवासी और अन्य लोगों के अलावा व्यापार और उद्योग के कई नेताओं के साथ बातचीत होगी, प्रधान मंत्री का पहला पड़ाव डेलावेयर में विलमिंगटन होगा,
जो कि आप जानते हैं, राष्ट्रपति बिडेन का गृहनगर भी है। छठा क्वाड शिखर सम्मेलन वहां आयोजित किया जाएगा। विलमिंगटन से, प्रधान मंत्री संयुक्त राष्ट्र में शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे। 22 तारीख को, प्रधान मंत्री भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगे। भारत 2025 में अगले क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात पर क्या बोले विदेश सचिव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर सकते है हालांकि इसे लेकर विदेश सचिव ने जवाब दिया कि
“अभी प्रधानमंत्री के साथ कई बैठकें हैं जिन्हें हम तय करने की कोशिश कर रहे हैं, मैं आपको किसी खास मीटिंग के बारे में नहीं बता पाऊंगा, मीटिंग तय हुई है या नहीं, हम सभी एंगल से देख रहे हैं कि हमारे पास कितना समय है और हम किसके साथ मीटिंग कर सकते हैं, इसके बारे में हम आपको अपडेट करते रहेंगे।”
पीएम मोदी का UN में संबोधन
विदेश सचिव ने आगे कहा कि “23 सितंबर को जैसा कि मैंने कहा, प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे, और उस दिन कुछ और द्विपक्षीय बैठकें तय की जा रही हैं। जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, कई भाग इस यात्रा पर अभी भी काम चल रहा है और कुछ बैठकें तय की जा रही है। क्वाड शिखर सम्मेलन, जैसा कि मैंने कहा, राष्ट्रपति बिडेन द्वारा अपने गृहनगर विलमिंगटन, डेलावेयर में आयोजित किया जा रहा है। क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की बारी भारत की थी इस साल, लेकिन हमने अपने अमेरिकी सहयोगियों के साथ चर्चा की और अमेरिकी पक्ष के अनुरोध पर, हम इसका आदान-प्रदान करने पर सहमत हुए”।