Pooja Khedkar: महाराष्ट्र की एक महिला आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर काफी सुर्खियों में है। उन्हें लेकर कई विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा में है। ऐसे में लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर कौन है पूजा जो मचा रही है बवाल और कलेक्टर ऑफिस से विशेषाधिकार मांगने को लेकर आई चर्चा में। उन पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं और इस सब के बीच पुणे से उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। आइए जानते हैं पूजा खेडकर के बारे में कुछ खास बातें जो है वाकई काफी दिलचस्प।
ट्रेनी ऑफिसर होने के बावजूद रखी अपनी मांग
रिपोर्ट्स के मुताबिक पूजा पुणे में बतौर ट्रेनी आईएएस ऑफिसर कार्यरत थी। ट्रेनी ऑफिसर होने के बावजूद उन्होंने अपनी मांग रखी और इसके बाद चर्चा में आ गई। कहा जा रहा है कि उन्होंने वीआईपी नंबर प्लेट वाली कार के साथ-साथ आधिकारिक आवास, पर्याप्त कर्मचारी के साथ-साथ कांस्टेबल और एक ऑफिस कक्षा की मांग की है। वहीं इसे लेकर पुणे के कलेक्टर ने मुख्य सचिव को लेटर लिखकर एक्शन की मांग की।
वाशिम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर तबादला
आरोप लगाया जा रहा है कि 3 जून को हुई जॉइनिंग से पहले पूजा लगातार अपनी अलग कक्ष, आवास और सुरक्षा की मांग कर रही थी जबकि प्रोबेशन पीरियड में इन चीजों की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं पूजा का तबादला पुणे से वाशिम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर किया गया है।
वीआईपी ऑडी कार में करती थी सफर
ट्रेनी ऑफिसर होने के बावजूद उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह लाल और नीली बत्ती के साथ वीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करती थी। जी हां, ऑडी कार में वह चढ़ती थी उसमें वह लाल नीली बत्ती के साथ-साथ महाराष्ट्र शासन भी लिखवाया हुआ है।
841वीं रैंक के साथ पूजा ट्रेनी ऑफिसर के तौर पर हुई नियुक्त
पूजा विवाद करने में काफी आगे रही थी और रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि एडिशनल कलेक्टर जब ऑफिस में नहीं थे तो उन्होंने उनके सामने के केबिन पर कब्जा कर अपने नाम का बोर्ड लगवा दिया। इसके साथ-साथ कक्ष में बदलाव कर पूजा चर्चा में रही। अपने नाम के लेटर हेड और मुहर के साथ-साथ विजिटिंग कार्ड की भी वह मांग कर रही थी। बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा में 841वीं रैंक के साथ पूजा ट्रेनी ऑफिसर के तौर पर नियुक्त हुई।
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