Chandrayaan-3: भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर की टहलकदमी जारी है। चांद की सतह पर टहलकर रोवर लगातार अहम जानकारियां जुटा रहा है, जिसे लैंडर की मदद से धरती पर भेजा रहा है। वैज्ञानिक भी इससे मिली जानकारियों पर अध्ययन कर रहे हैं।
इसी बीच बड़ी खबर यह है की प्रज्ञान रोवर के अपनी पहली बड़ी चुनौती को पार कर लिया है। इस चुनौती को लेकर वैज्ञानिक भी काफी चिंतित थे, लेकिन पहली चुनौती का सफलतापूर्वक पार करने के बाद अब उन्हें उम्मीद है की रोवर आगे आने वाली हर चुनौती को पार कर लेगा।
प्रज्ञान रोवर ने पार की पहली बड़ी चुनौती
दरअसल, रोवर के सामने पहली बड़ी चुनौती एक गहरा गड्ढा था, जिसे वैज्ञानिक क्रेटर कहते हैं। यह क्रेटर 100 मिमी गहरा था। रोवर की इस पहली बड़ी चुनौती को लेकर वैज्ञानिक काफी चिंतित थे।
उन्हें डर था की कहीं रोवर किसी क्रेटर में न चला जाए। लेकिन, रोवर ने खुद को साबित कर दिखाया है। ISRO वैज्ञानिकों की मानें तो रोवर अपनी पहली चुनौती पर खरा उतरा है। रोवर ने 100 मिमी के गहरे क्रेटर को पार कर लिया है।
क्या है चांद पर बने क्रेटर ?
बता दें कि चांद पर टहलकदमी करना इतना भी आसान नहीं है। चांद की सतह पर कई बड़े और गहरे गड्ढे हैं। जिन्हें क्रेटर कहा जाता है। अगर रोवर गलती से इसमें चला जाए, तो उसके लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
वैज्ञानिकों की टीम दिन-रात कर रही मेहनत
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुतुवेल ने बताया कि रोवर के सामने आने वाली हर समस्या से निपटने के लिए ग्राउंड टीम पूरी मेहनत कर ही है। मिशन को पूरी तरह सफल बनाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम दिन-रात काम में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है की रोवर सफलतापूर्वक अपना काम पूरा करेगा और कई अहम जानकारियां हम तक पहुंचाएगा।
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