Friday, November 22, 2024
HomeटेकChandrayaan-3: सामने था बड़ा सा गड्डा, फिर विक्रम लैंडर ने किया इशारा...

Chandrayaan-3: सामने था बड़ा सा गड्डा, फिर विक्रम लैंडर ने किया इशारा और खतरे को भांप गया प्रज्ञान रोवर

Date:

Related stories

Chandrayaan-3: चांद पर नहीं आया था भूकंप, विक्रम लैंडर में दर्ज हुई रहस्यमयी गतिविधियों पर वैज्ञानिकों का नया खुलासा

Chandrayaan-3: ISRO ने कुछ दिनों पहले बताया था की चांद पर कुछ रहस्यमयी झटके महसूस किए गए थे। जिन्हें शुरूआती तौर पर भूकंप के झटके कहा गया था।

Chandrayaan-3: जानें अभी किस स्थिति में है Vikram Lander, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ISRO को भेजी तस्वीर, आप भी देखें

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद से लगातार मिशन से जुड़ी तस्वीरें सामने आ रही हैं। अब एक नई तस्वीर सामने आई है।

चांद पर इस जगह उतरा था Chandrayaan-3, NASA के LRO ने खींची लैंडिंग साइट की तस्वीर, आप भी देखें

Chandrayaan-3: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर खींची है।

Chandrayaan-3: एक तरफ जहां ISRO के वैज्ञानिक सूर्य पर अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी कर रहे हैं, तो वहीं चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर चांद पर पहुंच चुके हैं। ISRO की मानें तो दोनों हर दिन अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। आए दिन दोनों को लेकर नए-नए अपडेट भी सामने आ रहे हैं।

प्रज्ञान रोवर लगातार चांद पर रिसर्च और स्टडी कर रहा है। ISRO ने एक बार फिर पृथ्वी से लाखों किलोमीटर दूर चांद की नई तस्वीरें जारी की हैं। हालांकि, ये तस्वीरों साफ नहीं है, लेकिन इन तस्वीरों से पता चलता है कि प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर चल रहा है।

गहरे गड्डे में गिरने से बचा प्रज्ञान रोवर

एक तस्वीर में, रोवर के सामने एक बड़ा गड्डा दिखाई दे रहा है, जिसे क्रेटर कहा जाता है। गड्ढा लगभग 4 मीटर चौड़ा था और रोवर के सामने लगभग 3 मीटर की दूरी पर था। ये इतना बड़ा था कि अगर रोवर का पहिया इसमें चला जाता तो ये गिरकर क्षतिग्रस्त हो सकता था।

लेकिन प्रज्ञान बहुत होशियार था। जब प्रज्ञान (Pragyan Rover) को पता चला कि उसके पहिये के सामने एक बड़ा गड्डा है, तो वह घूम गया और अलग रास्ते पर चला गया। चंद्रयान मिशन के पांचवें दिन प्रज्ञान के सामने यह पहली बड़ी चुनौती थी, लेकिन वह इससे पार पाने में सफल रहा। प्रज्ञान को सुरक्षित नई राह पर आगे बढ़ता देख ISRO के वैज्ञानिक भी खुश और राहत महसूस कर रहे हैं।

चांद के बाद अब सूरज की बारी

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले महीने ‘सूर्य मिशन’ की तैयारी कर रहा है। ISRO ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली है।
हाल ही में चंद्रमा पर शानदार काम करने वाले ISRO वैज्ञानिक अब सूरज पर जाने की योजना बना रहे हैं।

आदित्य एल-1 क्या-क्या करेगा ?

आदित्य एल-1‘ ISRO का पहला सोलर मिशन है। ISRO पृथ्वी से सूर्य तक एक अंतरिक्ष यान भेजेगा, जो लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह मिशन हमें यह जानने में मदद करेगा कि सूर्य हमारी पृथ्वी को कैसे प्रभावित करता है। यह पहली बार है जब भारत सूर्य का अध्ययन करने के लिए कोई अंतरिक्ष मिशन कर रहा है।

मिशन को आदित्य एल-1 नाम दिया गया है और इसमें सूर्य के बारे में और अधिक जानने में हमारी मदद करने के लिए 7 अलग-अलग उपकरण होंगे। यह सूर्य के विभिन्न हिस्सों को देखेगा और नई जानकारी जुटाएगा, जो हमें पहले नहीं पता थी।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM  और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Latest stories