Samvidhan Sadan: जिस समय संसद के सभी सांसद पुराने संसद भवन को छोड़कर नए संसद भवन में जाने की तैयारी कर रहे थे। उस समय पुरानी संसद भवन के सेट्रल हॉल के कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने पुरानी संसद का नाम बदलकर ‘संविधान सदन’ रखने का प्रस्ताव रखा था। जिसे सर्व सहमति से स्वीकार कर लिया गया था। प्रधानमंत्री मंत्री ‘संविधान सदन’ नाम रखने के कारण पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि इसी भवन में हमारा पूरा संविधान फ्रेम किया गया था। इसलिए उन्होंने इस भवन के सम्मान में यह नाम रखा जा रहा है।
संविधान सदन रखने का दिया प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने सेंट्रल हॉल के दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा था कि क्योंकि हम नई संसद में जा रहे उसके बाद पुराने भवन की बिल्डिंग खाली रह जाएगी। वह कहते हैं इस भवन की गरिमा को बनाए रखने के लिए मैं इसका नाम ‘संविधान सदन’ रखने का प्रस्ताव देता हूं।
2047 तक बनाएंगे विकसित देश
इसके अलावा प्रधानमंत्री अपने संबोधन में कहते हैं कि यह सही काम करने का सही समय है। ऐसे में हमें अपने राजनीतिक फायदों को ध्यान में न रखते हुए देश हित में काम करना होगा। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान देश को 2047 तक विकसित देश बनाने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में जी-20 की सफलता और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन से देश के लिए माहौल बदला है। अब हम सही दिशा में है। ऐसे में हम जितना तेज भागेंगे उनती जल्दी लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।
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