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Pulwama Attack: चार साल बीत जाने के बाद कहां खड़ी है हमले की जांच, जानिए इस बीच क्या-क्या हुआ?

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Pulwama Attack

Pulwama Attack: आज से ठीक चार साल पहले 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CPRF) के काफिले पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। हमला दोपहर बाद करीब 3:00 बजे हुआ था। उस वक्त सीआरपीएफ के काफिले में 78 बसें थी, जिसमें करीब 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। आतंकियों के इस नापाक हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी घटना को अंजाम देने वाला आतंकी आदिल अहमद डार था। आज चार साल बीत जाने के बाद भी पूरा देश उन शहीदों को नम आंखों से याद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की चौथी बरसी पर शहीद जवानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धाजंलि दी। साथ ही कई बड़े नेताओं ने भी आतंकी हमले में शहीद जवानों के बलिदान को सलाम किया। अब चार साल बाद बड़ा सवाल यह है कि इस हमले का असली गुनहागार कौन है? अब तक पुलवामा हमले की जांच कहां तक पहुंची। आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम।

हमले के 6 दिन बाद NIA को मिली जांच की जिम्मेदारी

पुलवामा हमले की शुरूआती जांच तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की थी, लेकिन 6 दिन बाद ही इस हमले की तफ्तीश के लिए नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) दो जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसके डेढ़ साल बाद 25 अगस्त 2020 को एनआईए ने 13 हजार 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। एनआईए ने चार्जशीट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके प्रमुख मसूद अजहर को इस हमले की साजिश का मुख्य आरोपी बताया था। इसके साथ ही 18 आतंकियों और उसके सहयोगियों को इसमें आरोपी बनाया गया। इसमें आदिल अहमद डार, सज्जाद अहमद भट, मुदसिर अहमद खान, कारी यासिर, कामरान अली और उमर फारूक मारे जा चुके थे। वहीं, 7 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया।। मसूद अजहर, अम्मार अल्वी और असगर अल्वी पाकिस्तान में हैं।

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जांच में US एजेंसी FBI ने की NIA की मदद

पुलवामा हमले की इस जांच में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने भी एनआईए की मदद की थी। इस जांच में ये भी पता चला था कि पुलवामा हमले में जैश ने आईएसआई और पाकिस्तानी सरकारी एजेंसी की भी मदद ली थी।

हमले में पाकिस्तान का हाथ : NIA के पूर्व डीजी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एनआईए के पूर्व डीजी और हमले की जांच करने वाले अधिकारी वाईसी मोदी के मुताबिक, हमले की शुरुआती जांच में ही ये पता चल गया था कि इस हमले का लिंक पाकिस्तान से जुड़ा है। हमले की पहली लीड के तौर पर सुसाइड बॉम्बर की वीडियो क्लिप मिली थी। इसके बाद जब आतंकी मसूद अजहर के भतीजे उमर फारुक को एनकाउंटर में मार गिराया गया तो उसके पास से एक फोन मिला। उमर फारुक के फोन में सारा डेटा मौजूद था, इसके बाद जांच आगे बढ़ती गई और सच सामने आता गया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को मिले इस फोन में हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन होने के कई वीडियो और वॉइस क्लिप मिले।

अटैक में इस्तेमाल हुआ 200KG विस्फोटक

उन्होंने कहा कि आगे की जांच में सामने आया कि पुलवामा अटैक के लिए आतंकियों ने कार में 200KG विस्फोटक रखा था। इसमें RDX, आमोनियम नाइट्रेट और ग्लिसरीन भी शामिल था। इसे 140KG और 60KG की दो अलग-अलग आईडी की खेपों का इस्तेमाल किया गया था।

NIA ने दाखिल की सप्लिमेंटरी चार्जशीट

एनआईए ने 16 जनवरी 2022 को इस मामले में एक सप्लिमेंटरी चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें बताया गया था कि पाकिस्तान की ISI का इस हमले में हाथ नहीं है। इसके लिए एक नए आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्त्फा (LeM) को तैयार किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लश्कर-ए-मुस्त्फा (LeM)  से ऐसी गतिविधियां करवाई जाती थी जिससे ये लगे कि हमला आतंकी संगठन जैश ने नहीं बल्कि लश्कर-ए-मुस्त्फा ने किया है।

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