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Punjab News: पंजाब में रेल ट्रैक पर किसानों ने शुरू किया आंदोलन, 12 स्थानों पर दिखा धरनेे का असर

Punjab News: आज पंजाब के 12 जगहों के रेलवे ट्रैक पर किसानों ने धरना प्रदर्शन (आंदोलन) किया। वहीं पंजाब के किसानों का साथ देने के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा के किसान भी आंदोलन में साथ आए। बता दें कि यह धरना आज 28 सितम्बर 12 बजे मध्यान से शुरू हुआ। बताया जा रहा है , किसान यहां 30 सितंबर तक अपनी मांगों को लेकर धरना करने वाले हैं।

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Punjab News: पंजाब से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज पंजाब के किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। आज पंजाब के 12 जगहों के  रेलवे ट्रैक पर किसानों ने धरना प्रदर्शन (आंदोलन) किया। वहीं पंजाब के किसानों का साथ देने के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा के किसान भी आंदोलन में साथ आए। बता दें कि यह धरना आज 28 सितम्बर 12 बजे मध्यान से शुरू हुआ। बताया जा रहा है , किसान यहां 30 सितंबर तक अपनी मांगों को लेकर धरना करने वाले हैं।

 

दो ट्रेनों का किया गया चक्का जाम

बता दें कि पंजाब में रेल रोको आंदोलन चल रहा है। किसानों को अपनी कुछ मांगे हैं। ऐसे में किसानों ने पंजाब के कुल 12 स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर आंदोलन किया।  ये स्थान कुछ इस प्रकार है – इसमें  होशियारपुर, गुरदासपुर के बटाला, जालंधर कैंट, तरनतारन, सुनाम, नाभा, फिरोजपुर में बस्ती टैंक वाली और मल्लांवाला , मोगा, बठिंडा में रामपुरा, अमृतसर में देवीदास पुरा शामिल है। इसके अलावा किसानों ने फरीदकोट और मोगा में ट्रेन भी रोका। 

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने क्या जानकारी दी

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि किसान भाई आज सुबह से ही रेलवे ट्रैक की तरफ कूच कर रहे हैं। हमने तीन दिनों के लिए पूरा खाना पीना की व्यवस्था कर रखी है। केंद्र सरकार को हमारी जायज मांगों को मानना चाहिए। बता दें कि इस आंदोलन में देश के 18 किसान-मजदूर संगठन हिस्सा लेने वाले हैं। ऐसे में अब देखना होगा, कि क्या उनकी ये मांगे केंद्र सरकार मानती है या नहीं।  हालांकि इन सब के बीच खबर है, कि भारतीय रेलवे पंजाब में कुछ ट्रेन के रूट का डायवर्जन कर सकती है। इसके अलावा कई ट्रेन कैंसिल और समय सारणी में बदलाव की भी उम्मीद है।        

मांगों को लेकर किसान संगठनों का क्या है कहना?  

धरने और आंदोलन के पीछे का कारण किसान संगठन बताते है, कि केंद्र सरकार जल्द स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे। इसके अलावा किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान भाइयों के परिवार वालों को मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा किसानों का यह भी कहना है, कि इस वर्ष भारी बारिश के कारण उनकी फसलें नष्ट हो गई।  ऐसे में उनको सरकार की तरफ से भरपाई के लिए मुआवजा मिले।  

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