Punjab News: पर्यावरण के लिहाज से पंजाब के लुधियाना से एक अच्छी खबर सामने आ रही है। खबरो के मुताबिक पिछले तीन सालों में इस बार लुधियाना में गेहूं की फसल के अवशेष जलाने की सबसे कम घटना देखी गई। आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल 2024 तक लुधियाना जिले में गेहूं की फसल के अवशेष जलाने के महज 8 घटना सामने आई है। अधिकारियों के मुताबिक किसानों के बीच जागरूकता बढ़ने के कारण मामले में कमी देखी जा सकती है।
खेतों में आग की घटना में आई कमी
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सैटलाइट के आधार पर जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2022, 2023 और 2024 के दौरान राज्य में गेहूं के अवशेष जलाने के घटनाओं में इस साल काफी कमी देखी गई है। 1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल 2024 तक लुधियाना जिले में गेहूं की फसल के अवशेष जलाने के महज 8 घटना सामने आई है। इसका साफ मतलब है कि पंजाब सरकार की तरफ से इन मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
यही वजह है कि खेतो में आग के मामले में कमी देखी जा सकती है। अगर पिछले साल की बात करे तो 1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक 11 मामले देखे गए थे। पिछले साल के मुकाबले इस साल लगभग 27 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
जिला प्रशासन ने चलाया जागरूकता अभियान
डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन के साथ – साथ पीसीबी और कृषि विभाग को शामिल किया गया है और एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मौसम के कारण खेतो में कुछ चिंगारी की घटना हुई है, लेकिन यह किसानों द्वारा जानबूझकर नही जलाया जा रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि खेतों में गेहूं के अवशेष जलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है साथ ही इससे प्रदूषण बढ़ने का भी खतरा रहता है। जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है।