Punjab News: राज्य में पराली जलाने के खतरे को रोकने के लिए पंजाब सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। मालूम हो कि बड़ी संख्या में हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने की खबर सामने आती है। हालांकि मान सरकार की अगुवाई में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है। वहीं एक बार फिर सरकार फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना पर फिर से रणनीति बनाएगी। सबसे खास बात यह है कि सरकार इस बार सरपंच और आशा कार्यकर्ताओं को इसमें शामिल करने की योजना बना रही है।
पराली को वैज्ञानिक तरीकों से कराएं नष्ट
मालूम हो कि पंजाब और हरियाणा राज्य में किसानों द्वारा फसल कटने के बाद बचे हुए अवशेषों को जला दिया जाता है। जिसके कारण प्रदूषण बढ़ जाता है और हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिसंबर, जनवरी में देखा जाता है। हालांकि पंजाब में मान सरकार के आने के बाद पराली जलाने के मामले में काफी कमी देखी गई है। वहीं एक बार फिर पंजाब सरकार फसल अवशेष प्रबंधन इस पहलू पर फिर से रणनीति बनाएगी। नए रणनीति के तहत किसानों को समझाने के लिए आशा कार्यकर्ता, सरपंचों और मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को किसानों को फसल अवशेषों का वैज्ञानिक तरीके से निपटान करने के लिए समझाने के लिए कहा गया है।
प्रत्येक जिले को 1 लाख रुपये आवंटित किए जाएंगे
एक अधिकारी के अनुसार हर जिले में, कृषि विभाग पंचायत के साथ समन्वय करेगा और ग्रामीण विकास विभाग पराली विरोधी अभियान में सरपंचों को शामिल करेगा। इसके अलावा, प्रत्येक जिले को 1 लाख रुपये आवंटित किए जा रहे हैं। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर इसके बारे में लोगों को जागरूक करेंगी और इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताएंगी। सरपंचों को भी नवीनतम जानकारी से अवगत कराया जाएगा। फसल अवशेषों से वैज्ञानिक तरीके से निपटने के लिए भी किसानों को अवगत कराया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह एक अच्छी पहल मानी जा रही है।