Punjab News: भारतीय सेना के जवानों के परिवारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, पंजाब कौशल विकास मिशन (पीएसडीएम) ने अमृतसर में भारतीय सेना के पैंथर डिवीजन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस पहल का उद्देश्य युद्ध विधवाओं, जूनियर कमीशन अधिकारियों (जेसीओ) के परिवारों, रक्षा कर्मचारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को मुफ्त कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है।
पहले चरण में 240 लोगों को मिलेगी ट्रेनिंग
इस पहल के तहत, पहले चरण में सेवारत और सेवानिवृत्त सेना कर्मियों के 240 आश्रितों को प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ा सकते हैं और उनके परिवारों की आजीविका का समर्थन कर सकते हैं। इन अवसरों की पेशकश करके, पीएसडीएम और भारतीय सेना यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राष्ट्र की सेवा करने वालों के आश्रितों को टिकाऊ करियर बनाने के लिए उपकरण और संसाधन दिए जाएं।
किसको दी जाएंगी ट्रेनिंग
इस योजना के तहत इसमे युद्ध विधवाओं और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले परिवार शामिल हैं, जिन्हें अक्सर शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके, कार्यक्रम का लक्ष्य इस अंतर को पाटना और इन व्यक्तियों को स्थिर और पुरस्कृत नौकरियां सुरक्षित करने के लिए सशक्त बनाना है। पीएसडीएम और भारतीय सेना के पैंथर डिवीजन के बीच समझौता ज्ञापन न केवल लाभार्थियों के कौशल सेट को बढ़ाता है बल्कि रक्षा बलों और नागरिक समाज के बीच बंधन को भी मजबूत करता है। पहले चरण में इस पहल की सफलता आगे विस्तार का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिससे भविष्य में सीमावर्ती क्षेत्रों के अधिक परिवारों और युवाओं को लाभ होगा। माना जा रहा है कि इस योजना के तहत काफी फायदा मिलेगा।