CM Bhagwant Mann: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली सरकार धान की खरीद को लेकर बेहद सजग है। धान की खरीद से हजारों की संख्या में किसान ढ़ेरों उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान एक बड़ा निर्णय लिया है। पंजाब सरकार (Punjab Govt.) ने बीते दिन खरीफ सीजन 2024-25 की ‘कस्टम मिलिंग नीति’ (Custom Milling Policy) को स्वीकृति दे दी है। इसके तहत कई सारे प्रावधान बदल जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक अब कि राइस मिलों को मंडियों से ऑनलाइन जोड़ेगा और साथ ही रिलीज ऑर्डर योजना में शेलर मिलों को दिए जाने वाले धान का वितरण ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा। दावा किया जा रहा है कि पंजाब सरकार के इस कदम से धान की खरीद (Procurement of Paddy) और सुचारू रूप से हो सकेगी और उसकी मिलिंग व धान से बनने वाले चावल को केंद्रीय पूल में समय पर पहुंचाया जा सकेगा।
CM Bhagwant Mann कैबिनेट का बड़ा निर्णय
पंजाब की भगवंत मान सरकार (CM Bhagwant Mann) ने धान की खरीद (Procurement of Paddy) को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार की ओर से खरीफ सीजन 2024-25 की ‘कस्टम मिलिंग नीति’ (Custom Milling Policy) को स्वीकृति दे दी गई है। इसके तहत पनग्रेन, मार्कफेड, पनसप व पंजाब वेयरहाउस कॉर्पोरेशन जैसी धान की खरीदारी करने वाली एजेंसियां धान को मिलिंग के लिए सौंपने और उससे बनने वाले चावल को केंद्रीय पूल में समय पर पहुंचाने का काम करेंगी। इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) के हवाले से सामने आई है।
Custom Milling Policy के तहत हुए अहम बदलाव
पंजाब सरकार की कस्टम मिलिंग पॉलिसी के तहत कई अहम बदलाव हुए हैं। खरीफ सीजन 2024-25 की ‘कस्टम मिलिंग नीति’ के तहत धान लगवाने के लिए शेलर मालिकों (Sheller Owner) की बैंक सिक्योरिटी घटाकर 5 लाख कर दी गई है। बता दें कि पहले राइस मिल मालिकों को धान लगवाने के लिए धान के बराबर कीमत, बैंक सिक्योरिटी के रूप में जमा करवानी होती थी जिसे अब घटाने का निर्णय लिया गया है। नई मिलिंग नीति (Custom Milling Policy) में ये भी स्पष्ट किया गया है कि शेलर की प्रापर्टी के पेपर एजेंसी के नाम पर गिरवी रखे जा सकते हैं।
पंजाब सरकार (Punjab Govt.) की ओर से ये भी ऐलान किया गया है कि अब राइस मिलों को मंडियों से ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त रिलीज ऑर्डर योजना में शेलर मिलों को दिए जाने वाले धान का वितरण ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से हो सकेगा। वहीं कस्टम मिलिंग पॉलिसी की फीस में 10 रुपया कम करके इसे 165 रुपये प्रतिटन कर दिया गया है जिससे शेलर मालिकों को लाभ होने की संभावना है।