CM Bhagwant Mann: उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अपराधी मुख्तार अंसारी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मुख्तार अंसारी को लेकर ये बताया जा रहा है कि पंजाब के रूप नगर जेल में इसे विशेष तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती थी। इसके साथ – साथ जेल अधिकारी इसके बदले में अच्छी खासी रिश्वत भी लेते थे। इस पूरे मामले की जांच के लिए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी के द्वारा ही मुख्तार से जुड़ी ये चीजें सामने आई हैं।
वहीं गुरुवार को सीएम मान ने इस गैंगेस्टर के ऊपर खर्च हुए लाखों रुपए देने से भी साफ मना कर दिया है। सीएम मान के पास 55 लाख रुपए भुगतान करने की फाइल आई थी जिसे वापस लौटा दिया गया है। यह फाइल बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के द्वारा भेजी गई थी। ये वही वकील हैं जिन्होंने पंजाब के रोपण जेल में उन्हें हमेशा रखने की मांग कर रहे थे और इन्होने ही सुप्रीम कोर्ट में केस भी लड़ा था।
सीएम मान ने ट्वीट करके दी जानकारी
सीएम मान की तरफ से इसको लेकर ट्वीट भी किया गया है। सीएम मान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यूपी के अपराधी को सुविधा देने के लिए पंजाब की पूर्व सरकार ने रोपड़ जेल में रखा था। 48 बार इसके खिलाफ वारंट भी जारी हुआ लेकिन इसे फिर भी पेश नहीं किया गया।इसके साथ – साथ पूर्व की सरकार ने इसकी एक – एक पेशी के लिए वकील को 11 लाख रुपए खर्च कर दिए।
पंजाब की जेल में बंद था मुख्तार
आपको बता दें कि बड़ा माफिया मुख्तार पंजाब की जेल में करीब दो सालों तक बंद था। पंजाब पुलिस उसे यहां लाते समय यह बताई थी कि माफिया को ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया जा रहा है। बता दें कि मुख्तार के ऊपर मोहाली में कई मामले दर्ज है। वहीं उत्तर प्रदेश में भी इसके खिलाफ 47 से अधिक मामले दर्ज है। यूपी पुलिस हमेशा मुख़्तार को अपने यहां जेल में रखना चाहती थी लेकिन पूर्व में बैठी पंजाब सरकार के द्वारा इसे वापस नहीं भेजा गया।
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सीएम के आवास से वापस की गई फाइल
ਯੂ.ਪੀ.ਦੇ ਅਪਰਾਧੀ ਨੂੰ ਰੋਪੜ ਜੇਲ ਚ ਸੁੱਖ- ਸਹੂਲਤਾਂ ਦੇ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ..48 ਵਾਰ ਵਰੰਟ ਜਾਰੀ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਪੇਸ਼ ਨਹੀ ਕੀਤਾ..ਮਹਿੰਗੇ ਵਕੀਲ ਕੀਤੇ..ਖ਼ਰਚਾ 55 ਲੱਖ..ਮੈਂ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਟੈਕਸ ਚੋ ਖ਼ਰਚੇ ਵਾਲੀ ਫ਼ਾਈਲ ਵਾਪਸ ਮੋੜ ਦਿੱਤੀ..ਜਿਹੜੇ ਮੰਤਰੀਆਂ ਦੇ ਹੁਕਮਾਂ ਤੇ ਇਹ ਫੈਸਲਾ ਹੋਇਆ ਖਰਚਾ ਓਹਨਾਂ ਤੋਂ ਵਸੂਲਣ ਦੀ ਰਵਾਇਤ ਬਾਰੇ ਵਿਚਾਰ..
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 20, 2023
मुख्तार अंसारी को वापस उत्तर प्रदेश लेन के लिए सरकार के द्वारा में 25 बार पूर्व में बैठी कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा गया था। पंजाब में बैठी कैप्टन सरकार ने हर बार यही कहा था कि उसकी तबियत खराब है। ऐसे में पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के पास इस मामले को लेकर जाना पड़ा। ऐसे में पंजाब सरकार ने केवल एक वकील को केस लड़ने के लिए 55 लाख रुपए खर्च कर दिए। ऐसे में सीएम मान ने पाने पास आई इस फाइल को वापस कर दिया है।
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