CM Bhagwant Mann: ऐसे वक्त के पंजाब के सीएम भगवंत मान के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। यह तूफान से पहले की शांति जैसा था. सीएम भगवंत मान दिन-रात पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों से मीटिंग कर रहे थे. कुछ बड़ा प्लान होने वाला था।…..और अचानक खबर आती है कि अमृतपाल सिंह के सैकड़ों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. भारी मात्रा में हथियार बरामद किये गए . एक ही झटके में अमृतपाल सिंह की पूरी प्लानिंग को नेस्तनाबूद कर दिया गया। खालिस्तान के उभरते मंसूबों पर पानी फेर दिया गया।
जो अमृतपाल अपने को शेर समझ रहा था, वो आज गीदड़ की तरह भागने को मजबूर है। पंजाब पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है, हर रोज उसके गुर्गे गिरफ्तार हो रहे हैं, पंजाब को अस्थिर करने की उसकी साजिश का भंडाफोड़ हो चुका है।
मिशन की पूरी प्लानिंग सीएम भगवंत मान और पुलिस के आला अधिकारी पिछले 30 दिन से कर रहे थे। बंद कमरे में रणनीति बनाई जा रही थी। छोटी-छोटी डिटेल्स पर काम किया जाता था । सीएम भगवंत मान रियल टाइम हर घटना पर नजर रखे हुए थे। पंजाब पुलिस अमेरिकी सील कमांडो की तरह एकदम मुस्तैदी से लगी थी।
पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क में थे सीएम मान
सीएम मान सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे। पंजाब के लोगों को किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई, जिसका सीएम मान खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे। अलर्टनेस, सीक्रेसी, एक्यूरेसी का पूरा ध्यान रखा गया ताकि मिशन की कानों-कान किसी को खबर ना हो।
पंजाब पुलिस के आला अधिकारियो के अलावा, AGTF एंड एंटी टेरर स्क्वाड के साथ लगातार मीटिंग कर रहे थे भगवंत मान, इस पूरे मिशन का नाम “प्रोजेक्ट स्नाइपर” रखा गया था, क्योंकि इस प्रोजेक्ट के तहत भगवंत किसी भी तरह का कोलेट्रल डैमेज नहीं चाहते थे, नाम के मुताबिक़ प्रोजेक्ट का मक़सद केवल अमृतपाल और वारिस पंजाब दे के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना था और आम जानता को किसी भी तरह की परेशानी से बचाना था।
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18 मार्च को जब ऑपरेशन शुरू हुआ, भगवंत मान लगातार पुलिस के आला अधिकारियो के साथ साथ ऑन ग्राउंड कमांडो यूनिट से भी संपर्क में थे। मक़सद साफ़ था, पूरे प्लान को बेहतर ढंग से एक्सीक्यूट करना और मुख्यमंत्री इस में किसी भी तरह की कमी नहीं चाहते थे।
पंजाब को लेकर चिंतित थे मुख्यमंत्री भगवंत मान
नतीजा ये रहा की इतने बड़े ऑपरेशन में एक गोली भी नहीं चली और एक बूँद ख़ून भी नहीं गिरा, फिर भी वारिस पंजाब दे और अमृतपाल का पूरा नेटवर्क ध्वस्त हो गया। अजनाला के बाद अमृतपाल का सरकार और पुलिस को कमज़ोर समझना भारी पड़ा, मुख्यमंत्री को ये सूचना थी की 19 मार्च से अमृतपाल खालसा वहीर नाम से पूरे पंजाब में अशांति फैलाने का प्लान बना रहा था, मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब को लेकर चिंतित थे, उन्हूने एक जॉइंट को ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जिसका मक़सद अमृतपाल और उसके मंसूबों को समाप्त करना था, कमेटी की सारी मीटिंग ख़ुद मुख्यमंत्री चेयर कर रहे थे और रोज़ एक्शन प्लान पर रिपोर्टिंग कर रहे थे, G 20 समाप्त होते ही मुख्यमंत्री ने पुलिस को एक्शन के लिए ग्रीन सिग्नल दिया और बड़े स्तर पर कार्यवाही की गई।
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